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दरगाहों पर माथा टेककर मन्नतें मांगी
Farrukhabad
Updated Fri, 18 May 2012 12:00 PM IST
फर्रुखाबाद। गुरूवार को शहर की ऐतिहासिक दरगाहों पर उर्स आयोजित किए गए। आस्था के इन केंद्रों पर गजब का उत्साह रहा। सूफीसंतों की मजारों पर अकीदतमंदों ने हाजिरी दी, मन्नते मांगी और चादरें पेश कर खुशहाली की दुआ मांगी।
इसे संयोग ही कहा जाएगा कि इस बार शहर में कौमी एकता की प्रतीक ऐतिहासिक नवाबी काल बंगशपुरा की दरगाह हजरत दूल्हा शाह शहीद ग्राटगंज में हजरत महमूद शाह वारसी, मदारवाड़ी डीपीवीपी स्कूल परिसर में हजरत अब्दुल्लाह शाह दुर्रानी और असगर रोड पर हजरत जहांगीर शाह बाबा का उर्स एक साथ आयोजित किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से आस्था के यह केंद्र अकीदतमंदों से सराबोर हैं।
आज हालत यह रही कि सुबह तड़के से ही मजारों पर अकीदतमंदों के आने का सिलसिला शुरू हो गया, जो देर रात तक जारी रहा। बंगशपुरा की नवाबी काल की दरगाह हजरत दूल्हाशाह शहीद में मेले जैसा माहौल रहा। महिला, पुरूष, बच्चे, बूढ़ों में दीवानों की तरह मजार पर पहुंचने की ललक रही।
इससे पहले दरगाह प्रांगण में आयोजित जलसे सीरत में मौलाना शमसाद अहमद चतुर्वेदी ने लोगों से पैगंबरे इस्लाम के बताए रास्ते पर चलने की नसीहत दी और सूफीसंतों से जुड़ने की प्रेरणा दी। असलम शेर खां, हाफिज निसार, मुन्ना, परवेज माल वाले, इलियास हुसैन, सीरत कमेटी सचिव इंतिजार अली खां आदि ने व्यवस्था संभाली। मदारवाड़ी दरगाह में हजरत अब्दुल्लाह शाह दुर्रानी के उर्स में कुल व फातिहा का आयोजन किया गया। कमरूद्दीन कव्वाल ने सूफियों को समर्पित कलाम सुनाए। मास्टर लड्डन खां, मोहम्मद नसीम, नवेद मस्ताना, सिराजुद्दीन आदि मौजूद रहे। ग्राटगंज स्थित दरगाह में हजरत महमूद शाह वारसी के 44वें उर्स में कुल व फातिहा की महफिल सजी। मतलूब न्याजी कव्वाल ने गीत, गजल और सूफियाना कलाम पेश किए। संयोजक मोहम्मद जफर वारसी, अल्ताफ अंसारी, लाडले खां, तौफी, शायर वसी अहमद वसी, रशीद आदि मौजूद रहे।
उधर, असगर रोड स्थित हजरत जहांगीर शाह के उर्स में अकीदतमंदों का तांता लगा रहा। महिलाएं तवर्रक की सजी थालियां लेकर मजार पर पहुंचीं। उन्होंने चढ़ावा चढ़ाकर मन्नत मांगी। इससे पहले यहां ईदमीलादुन्नबी का जलसा आयोजित किया गया। इस मौके पर संयोजक गुड्डू अंसारी, आफताब हुसैन, शारिक नवाब, मुदस्सिर खां, शकील उर्फ मुन्ना, हारून सिद्दीकी, अनुभव कनौजिया लव, नौशाद लल्ला, अंसार वारसी, मून, हीरो खां, राशिद, वसीम, सरताज, जाकिर हुसैन, हाजी इरशाद अंसारी, आदिल, रेहान, सुरेशचंद्र सद्दू आदि मौजूद रहे।
फर्रुखाबाद। गुरूवार को शहर की ऐतिहासिक दरगाहों पर उर्स आयोजित किए गए। आस्था के इन केंद्रों पर गजब का उत्साह रहा। सूफीसंतों की मजारों पर अकीदतमंदों ने हाजिरी दी, मन्नते मांगी और चादरें पेश कर खुशहाली की दुआ मांगी।
इसे संयोग ही कहा जाएगा कि इस बार शहर में कौमी एकता की प्रतीक ऐतिहासिक नवाबी काल बंगशपुरा की दरगाह हजरत दूल्हा शाह शहीद ग्राटगंज में हजरत महमूद शाह वारसी, मदारवाड़ी डीपीवीपी स्कूल परिसर में हजरत अब्दुल्लाह शाह दुर्रानी और असगर रोड पर हजरत जहांगीर शाह बाबा का उर्स एक साथ आयोजित किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से आस्था के यह केंद्र अकीदतमंदों से सराबोर हैं।
आज हालत यह रही कि सुबह तड़के से ही मजारों पर अकीदतमंदों के आने का सिलसिला शुरू हो गया, जो देर रात तक जारी रहा। बंगशपुरा की नवाबी काल की दरगाह हजरत दूल्हाशाह शहीद में मेले जैसा माहौल रहा। महिला, पुरूष, बच्चे, बूढ़ों में दीवानों की तरह मजार पर पहुंचने की ललक रही।
इससे पहले दरगाह प्रांगण में आयोजित जलसे सीरत में मौलाना शमसाद अहमद चतुर्वेदी ने लोगों से पैगंबरे इस्लाम के बताए रास्ते पर चलने की नसीहत दी और सूफीसंतों से जुड़ने की प्रेरणा दी। असलम शेर खां, हाफिज निसार, मुन्ना, परवेज माल वाले, इलियास हुसैन, सीरत कमेटी सचिव इंतिजार अली खां आदि ने व्यवस्था संभाली। मदारवाड़ी दरगाह में हजरत अब्दुल्लाह शाह दुर्रानी के उर्स में कुल व फातिहा का आयोजन किया गया। कमरूद्दीन कव्वाल ने सूफियों को समर्पित कलाम सुनाए। मास्टर लड्डन खां, मोहम्मद नसीम, नवेद मस्ताना, सिराजुद्दीन आदि मौजूद रहे। ग्राटगंज स्थित दरगाह में हजरत महमूद शाह वारसी के 44वें उर्स में कुल व फातिहा की महफिल सजी। मतलूब न्याजी कव्वाल ने गीत, गजल और सूफियाना कलाम पेश किए। संयोजक मोहम्मद जफर वारसी, अल्ताफ अंसारी, लाडले खां, तौफी, शायर वसी अहमद वसी, रशीद आदि मौजूद रहे।
उधर, असगर रोड स्थित हजरत जहांगीर शाह के उर्स में अकीदतमंदों का तांता लगा रहा। महिलाएं तवर्रक की सजी थालियां लेकर मजार पर पहुंचीं। उन्होंने चढ़ावा चढ़ाकर मन्नत मांगी। इससे पहले यहां ईदमीलादुन्नबी का जलसा आयोजित किया गया। इस मौके पर संयोजक गुड्डू अंसारी, आफताब हुसैन, शारिक नवाब, मुदस्सिर खां, शकील उर्फ मुन्ना, हारून सिद्दीकी, अनुभव कनौजिया लव, नौशाद लल्ला, अंसार वारसी, मून, हीरो खां, राशिद, वसीम, सरताज, जाकिर हुसैन, हाजी इरशाद अंसारी, आदिल, रेहान, सुरेशचंद्र सद्दू आदि मौजूद रहे।