फर्रुखाबाद। प्रशासनिक तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और जनहित के कार्यों में लापरवाही बरते जाने के खिलाफ अधिवक्ता लक्ष्मण सिंह का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। लक्ष्मण सिंह के इस आंदोलन में तीन अन्य लोग भी कूद पड़े हैं और अन्न त्याग कर अनशन करने लगे हैं। जबकि क्रमिक अनशन साथ में चल रहा है। अनशन स्थल पर गुरूवार की शाम एसडीएम सदर पहुंचे। उनसे वार्ता के बाद भी अनशन जारी रहा। लेकिन किसी स्वास्थ्य टीम से चेकअप न कराए जाने के चलते अनशनकारियों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के रास्ते पर ही चल निकले सर्वोदय मंडल के मंत्री लक्ष्मण सिंह ने 15 सूत्री मांगों को लेकर पहले भी कई बार जिला प्रशासन को आगाह किया था। समय सीमा समाप्त होने पर बुधवार से वे डीएसओ कार्यालय पर आमरण अनशन पर बैठ गए। जबकि संगठन के अन्य लोगों ने वहीं पर क्रमिक अनशन शुरू किया। अनशन के इस कार्यक्रम में गांधी आश्रम भी बराबरी से साथ निभा रहा है। यह दोनों ही अनशन साथ-साथ चल रहे हैं। लक्ष्मण सिंह के साथ गांधी आश्रम मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह कुशवाहा, वैद्य वीरेंद्र आर्य और मुन्नालाल राजपूत ने भी आमरण अनशन शुरू कर दिया है। हवन पूजन के साथ दूसरे दिन का भी अनशन शुरू किया गया। कुछ देर बाद लक्ष्मण सिंह सहित कुछ अन्य अनशनकारी वहां से उठकर सीधे जिलाधिकारी कार्यालय भवन जा पहुंचे। जहां दिन के समय जल रहे लैंप को बंद कराते हुए इस बात पर नाराजगी जताई कि उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल रही है और डीएम कार्यालय पर दिन में बिजली का दुरुपयोग हो रहा है और किसी प्रशासनकि अधिकारी को यह लापरवाही नहीं दिख रही। अनशनकारियों ने वहीं पर नारेबाजी भी की। इसके बाद वापस अनशन स्थल पर आकर बैठ गए।
लक्ष्मण सिंह सहित अन्य अनशनकारियों ने इस बात पर ऐतराज जताते हुए कहा कि शांतिपूर्वक किए जा रहे इस आंदोलन की जानकारी पहले ही प्रशासनिक अमले को दी गई थी उसके बाद भी दो दिन से कोई मेडिकल टीम नहीं भेजी गई। इससे प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन सत्याग्रहियों के जीवन से भी खिलवाड़ कर रहा है। उधर दो दिनों से कोई खाद्य पदार्थ ग्रहण न करने और स्वास्थ्य परीक्षण न होने से अनशनकारियों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है। लक्ष्मण सिंह ने जिला प्रशासन पर जन समस्याओं सहित अनशनकारियों की फिक्र न करने की बात कहते हुए संवेदनशून्यता का आरोप लगाया। चेतावनी देते हुए कहा कि शनिवार दोपहर तक कोई अधिकारी उनसे मिलने और वार्ता करने नहीं पहुंचा तो फिर प्रशासन से वार्ता की भी नहीं जाएगी।
उधर गुरुवार की शाम को अनशनकारियों से मिलने के लिए सदर के उप जिलाधिकारी अरुण कुमार पहुंचे। अनशनकारियों से वार्ता की और कहा कि उनके स्तर से जो भी समस्याएं हल हो सकती हैं उनका समाधान जरूर कर दिया जाएगा। शेष समस्याओं के लिए एसडीएम सदर, जिलाधिकारी से वार्ता करने के लिए कहकर वहां से चले गए। इसके बाद लक्ष्मण सिंह ने बताया कि आज तो आमरण अनशन पर चार लोग हो गए हैं शुक्रवार को यह संख्या काफी बढ़ जाएगी। सर्वोदय सेवा मंडल के जिलाध्यक्ष अतुल शर्मा, जिला महामंत्री बजरंग बहादुर सिंह, देवकीनंदन गंगवार, कृष्ण कुमार शुक्ला, सुनील उपाध्याय, बवनराम, बहादुर मिश्रा और यदुनंदन लाल गोस्वामी आदि क्रमिक अनशन पर बैठे रहे। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की शुक्रवार को लखनऊ में मीटिंग के कारण उम्मीद है कि अनशन अभी और खिचेगा।
फर्रुखाबाद। प्रशासनिक तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और जनहित के कार्यों में लापरवाही बरते जाने के खिलाफ अधिवक्ता लक्ष्मण सिंह का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। लक्ष्मण सिंह के इस आंदोलन में तीन अन्य लोग भी कूद पड़े हैं और अन्न त्याग कर अनशन करने लगे हैं। जबकि क्रमिक अनशन साथ में चल रहा है। अनशन स्थल पर गुरूवार की शाम एसडीएम सदर पहुंचे। उनसे वार्ता के बाद भी अनशन जारी रहा। लेकिन किसी स्वास्थ्य टीम से चेकअप न कराए जाने के चलते अनशनकारियों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के रास्ते पर ही चल निकले सर्वोदय मंडल के मंत्री लक्ष्मण सिंह ने 15 सूत्री मांगों को लेकर पहले भी कई बार जिला प्रशासन को आगाह किया था। समय सीमा समाप्त होने पर बुधवार से वे डीएसओ कार्यालय पर आमरण अनशन पर बैठ गए। जबकि संगठन के अन्य लोगों ने वहीं पर क्रमिक अनशन शुरू किया। अनशन के इस कार्यक्रम में गांधी आश्रम भी बराबरी से साथ निभा रहा है। यह दोनों ही अनशन साथ-साथ चल रहे हैं। लक्ष्मण सिंह के साथ गांधी आश्रम मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह कुशवाहा, वैद्य वीरेंद्र आर्य और मुन्नालाल राजपूत ने भी आमरण अनशन शुरू कर दिया है। हवन पूजन के साथ दूसरे दिन का भी अनशन शुरू किया गया। कुछ देर बाद लक्ष्मण सिंह सहित कुछ अन्य अनशनकारी वहां से उठकर सीधे जिलाधिकारी कार्यालय भवन जा पहुंचे। जहां दिन के समय जल रहे लैंप को बंद कराते हुए इस बात पर नाराजगी जताई कि उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल रही है और डीएम कार्यालय पर दिन में बिजली का दुरुपयोग हो रहा है और किसी प्रशासनकि अधिकारी को यह लापरवाही नहीं दिख रही। अनशनकारियों ने वहीं पर नारेबाजी भी की। इसके बाद वापस अनशन स्थल पर आकर बैठ गए।
लक्ष्मण सिंह सहित अन्य अनशनकारियों ने इस बात पर ऐतराज जताते हुए कहा कि शांतिपूर्वक किए जा रहे इस आंदोलन की जानकारी पहले ही प्रशासनिक अमले को दी गई थी उसके बाद भी दो दिन से कोई मेडिकल टीम नहीं भेजी गई। इससे प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन सत्याग्रहियों के जीवन से भी खिलवाड़ कर रहा है। उधर दो दिनों से कोई खाद्य पदार्थ ग्रहण न करने और स्वास्थ्य परीक्षण न होने से अनशनकारियों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है। लक्ष्मण सिंह ने जिला प्रशासन पर जन समस्याओं सहित अनशनकारियों की फिक्र न करने की बात कहते हुए संवेदनशून्यता का आरोप लगाया। चेतावनी देते हुए कहा कि शनिवार दोपहर तक कोई अधिकारी उनसे मिलने और वार्ता करने नहीं पहुंचा तो फिर प्रशासन से वार्ता की भी नहीं जाएगी।
उधर गुरुवार की शाम को अनशनकारियों से मिलने के लिए सदर के उप जिलाधिकारी अरुण कुमार पहुंचे। अनशनकारियों से वार्ता की और कहा कि उनके स्तर से जो भी समस्याएं हल हो सकती हैं उनका समाधान जरूर कर दिया जाएगा। शेष समस्याओं के लिए एसडीएम सदर, जिलाधिकारी से वार्ता करने के लिए कहकर वहां से चले गए। इसके बाद लक्ष्मण सिंह ने बताया कि आज तो आमरण अनशन पर चार लोग हो गए हैं शुक्रवार को यह संख्या काफी बढ़ जाएगी। सर्वोदय सेवा मंडल के जिलाध्यक्ष अतुल शर्मा, जिला महामंत्री बजरंग बहादुर सिंह, देवकीनंदन गंगवार, कृष्ण कुमार शुक्ला, सुनील उपाध्याय, बवनराम, बहादुर मिश्रा और यदुनंदन लाल गोस्वामी आदि क्रमिक अनशन पर बैठे रहे। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की शुक्रवार को लखनऊ में मीटिंग के कारण उम्मीद है कि अनशन अभी और खिचेगा।