फर्रुखाबाद। नगर क्षेत्र में दुर्गा प्रसाद बद्री प्रसाद की दरगाह में हजरत अब्दुल्लाह शाह दुर्रानी के उर्स में धूमधाम से गागर व चादर जुलूस उठा। कमरूद्दीन कव्वाल ने कलाम पेश किया- या नवी हमसे उठती नहीं यह भारी गागर, आपका करम हो तो उठ जाए हमारी गागर। इसके अलावा ग्राटगंज में हजरत महमूदशाह के उर्स में नातिया मुशायरा आयोजित किया गया।
मोहल्ला मदारवाड़ी स्थित स्कूल की दरगाह में शुरू उर्स में संयोजर मास्टर लड्डन खां के निवास से गागर जुलूस उठा, जिसमें अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी। लोगों ने मजार पर फूलमालाएं चढ़ाकर कुरआन ख्वानी का आयोजन किया।
इससे पहले उर्स का उद्घाटन करते हुए निवर्तमान सभासद श्यामसुंदर वर्मा ने कहा कि जनपद की कौमी एकता मिसाल है। इसको बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। यहां आयोजित जलसे में सूफी रसीद मियां वारसी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम और सूफीसंतों ने मानवता की तालीम से समाज को एकसूत्र में पिरोने का काम किया है। उनके बताए रास्ते पर चलने से सुख-शांति मिलेगी।
हाफिज अरशद ने कहा कि जो लोग बड़ों का सम्मान करते हैं और छलकपट से दूर रहते हैं, उनसे खुदा और रसूल राजी रहता है। मास्टर लड्डन ने कलाम पेश किया- ईमान की तकमील है इकरार मोहम्मद का, सौ हज से बेहतर है दीदार मोहम्मद का। इसके अलावा हाफिज दिलशाद रहमानी, मोहम्मद नसीम, सिराजुद्दीन, सूफी कमरूद्दीन मियां ने भी कलाम पेश किए। यहां उठे गागर-चादर जुलूस में कमालुद्दीन कव्वाल ने सूफियों को समर्पित कलाम सुनाकर शमा बांधा। इस मौके पर सूफी पप्पन मियां, मोहम्मद जफर, अकरम परवेज, नावेद, मोवीन, एहसान आदि लोग मौजूद रहे।
उधर, ग्राटगंज की दरगाह में हजरत महमूद शाह वारसी के उर्स में जलसे का आयोजन किया गया, उर्स के दौरान शायर वसी अहमद वसी, सलीम वारसी, मुमताज वारसी, तनवीर रजा, हीरा वारसी, शाहिद, शहनाज, तारिक आदि ने नातिया कलाम पेश किए। नातिया कलाम सुनकर अकीदतमंद अपनी सुध बुध खो बैठे। वहीं कार्यक्रम संयोजक मोहम्मद जफर के निवास से धूमधाम से चादर जुलूस उठाया गया। इस दौरान दरगाह में अकीदतमंदों की भारी भीड़ उमड़ी। अकीदतमंदों ने फूल मालाएं चढ़ाकर दुआए और मन्नते मांगी।