निलंबन बहाली में उगाही के लगे आरोप, प्रमोशन सूची रोकने पर गरमाया माहौल
फर्रुखाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग में निलंबन बहाली के खेल में उगाही का धंधा चल रहा है। इस पर मंगलवार को शिक्षक नेता भड़क गए। उन्होंने कार्यालय में ही बीएसए कौशल किशोर का घेराव कर लिया। शिक्षक नेता खासे गुस्से में थे। माहौल बिगड़ता देख बीएसए धीरे धीरे कार्यालय से निकलने लगे। शिक्ष्रक नेता साथ ही लगे रहे। बाद में वह अपने निजी वाहन में बैठकर निकल गए।
डीएम मुथुकुमारस्वामी ने बेसिक शिक्षा की हालत में सुधार लाने के लिए स्कूलों में छापामारी अभियान चलाने के लिए कहा था। इसमें भी उगाही का जरिया खोज लिया गया। स्कूल बंद मिलने पर पूरे स्टाफ पर कार्रवाई न कर कुछ को ही नोटिस दिया जाता है। इनके सौदेबाजी पर बहाली भी दे दी जाती है। प्रमोशन सूची को लेनदेन के चक्कर में ही जारी नहीं किया जा रहा है। इन मामलों पर शिक्षक नेताओं में कई दिनों से नारजगी बनी हुई है। मंगलवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के नेताओं ने कार्यालय में ही बीएसए को घेर लिया।
अध्यक्ष विजय बहादुर का कहना था कि महीनों से स्कूल न जाने वाले शिक्षकों के लेनदेन करने से उन पर कभी भी कार्रवाई नहीं की जाती है। समस्या के चलते देरी हो जाने वालों को नाप दिया जाता है।
नवाबगंज ब्लाक के प्राइमरी स्कूल मनोहर नगर की सहायक अध्यापक शशि बाला ने इस बावत लिखित प्रार्थना पत्र भी दिया। इनका कहना था कि बाइक का टायर फट जाने से देरा हो जाने पर सेवा समाप्ति का नोटिस दे दिया गया।
विजय बहादुर कहना था कि कार्रवाई में भी खेल हो रहा है। स्कूल बंद मिलने पर घूस न देने वाले को ही नोटिस जारी होते हैं। बीएसए के इस पर मनाही से उन्होंने कई स्कूलों के बारे में बता दिया। इस पर बीएसए को चुप्पी साध लेनी पड़ी। इस गरमागरमी के दौरान पीड़ित शिक्षकों की संख्या भी बढ़ती रही। शिक्षकों ने प्रमोशन सूची जारी न किए जाने पर लेनदेन का आरोप लगाया। आरोपों का जवाब देना बीएसए के लिए मुश्किल होने लगा। वह जल्द घर पहुंचने का बहाना करने लगे। शिक्षकों ने तब भी साथ नहीं छोड़ा। वह उनसे बात करते करते ही अपनी कार तक पहुंच गए। शिकायतों को पूरी तरह सुने बिना ही निकल लिए।