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अवैध निर्माण न हटा तो होगा आंदोलन
Farrukhabad
Updated Wed, 16 May 2012 12:00 PM IST
शौचालय होने से हो रही दिक्कत, तत्कालीन डीएम हटाने का कर चुके आदेश
फर्रुखाबाद। सरकारी भूमि की बाउंड्री वाल तोड़कर किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने के लिए अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी मंगलवार को जिलाधिकारी से मिले। वकीलों ने ज्ञापन देकर डीएम को अवगत कराया कि वह लोग इससे पूर्व भी अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने का निवेदन कर चुके हैं मगर अभी प्रशासन ने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। अधिवक्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अवैध निर्माण नहीं हटवाया गया तो संघ आंदोलन करने के लिए विवश होगा।
अधिवक्ता रामनरेश मिश्र, ओमप्रकाश दुबे, राजेन्द्र त्रिपाठी, बृजकिशोर मिश्रा, रविशंकर कटियार, सत्येन्द्र पाठक, महेश चंद मिश्रा, रामआसरे दीक्षित, रामप्रकाश पाल, आनन्द अग्निहोत्री, सुभाष चंद पाल, रामनरायन पाल, प्रेमपाल सिंह ने डीएम को बताया कि कलक्ट्रेट परिसर की सरकारी भूमि पर दीपावली के अवकाश के दौरान एक धर्मस्थल का विस्तार करते हुए चोरी से अवैध निर्माण कर लिया था। इसको हटाने के लिए तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया था। इस पर डीएम ने नगर मजिस्ट्रेट को तत्काल निर्माण ध्वस्त कराकर सरकारी भूमि को खाली कराने का आदेश दिया था। मगर विधानसभा चुनाव तत्पश्चात बोर्ड और विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के कारण अनुपालन नहीं हो सका। अधिवक्ताओं ने डीएम को बताया कि अवैध निर्माण से लोहिया भवन के अधिवक्ता कक्षों की हवा और रोशनी बाधित हो रही है। इसके साथ शौचालय की गंदगी और बदबू से अधिवक्ताओं का अपने चैंबर में बैठना दुश्वार हो गया है तथा संक्रामक बीमारी के फैलने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। वकीलों ने बताया कि वह लोग कई बार इस समस्या को अवगत करा चुके लेकिन अब तक इसका निस्तारण नहीं किया गया है। समस्या के निराकरण में बराबर हीलाहवाली की जा रही है। अधिवक्ताओं ने डीएम से अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने की मांग की है। अधिवक्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो अधिवक्ता संघ आंदोलन करने के लिए विवश होगा और इसके दुष्प्रभाव की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
शौचालय होने से हो रही दिक्कत, तत्कालीन डीएम हटाने का कर चुके आदेश
फर्रुखाबाद। सरकारी भूमि की बाउंड्री वाल तोड़कर किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने के लिए अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी मंगलवार को जिलाधिकारी से मिले। वकीलों ने ज्ञापन देकर डीएम को अवगत कराया कि वह लोग इससे पूर्व भी अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने का निवेदन कर चुके हैं मगर अभी प्रशासन ने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। अधिवक्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अवैध निर्माण नहीं हटवाया गया तो संघ आंदोलन करने के लिए विवश होगा।
अधिवक्ता रामनरेश मिश्र, ओमप्रकाश दुबे, राजेन्द्र त्रिपाठी, बृजकिशोर मिश्रा, रविशंकर कटियार, सत्येन्द्र पाठक, महेश चंद मिश्रा, रामआसरे दीक्षित, रामप्रकाश पाल, आनन्द अग्निहोत्री, सुभाष चंद पाल, रामनरायन पाल, प्रेमपाल सिंह ने डीएम को बताया कि कलक्ट्रेट परिसर की सरकारी भूमि पर दीपावली के अवकाश के दौरान एक धर्मस्थल का विस्तार करते हुए चोरी से अवैध निर्माण कर लिया था। इसको हटाने के लिए तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया था। इस पर डीएम ने नगर मजिस्ट्रेट को तत्काल निर्माण ध्वस्त कराकर सरकारी भूमि को खाली कराने का आदेश दिया था। मगर विधानसभा चुनाव तत्पश्चात बोर्ड और विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के कारण अनुपालन नहीं हो सका। अधिवक्ताओं ने डीएम को बताया कि अवैध निर्माण से लोहिया भवन के अधिवक्ता कक्षों की हवा और रोशनी बाधित हो रही है। इसके साथ शौचालय की गंदगी और बदबू से अधिवक्ताओं का अपने चैंबर में बैठना दुश्वार हो गया है तथा संक्रामक बीमारी के फैलने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। वकीलों ने बताया कि वह लोग कई बार इस समस्या को अवगत करा चुके लेकिन अब तक इसका निस्तारण नहीं किया गया है। समस्या के निराकरण में बराबर हीलाहवाली की जा रही है। अधिवक्ताओं ने डीएम से अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने की मांग की है। अधिवक्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो अधिवक्ता संघ आंदोलन करने के लिए विवश होगा और इसके दुष्प्रभाव की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।