दो किशोरियों की सरेआम हत्या के मामले में पुलिस की भूमिका बजाय दोषियों को सींखचों के भीतर पहुंचाने के मामलों पर लीपापोती करने की ज्यादा रही है। एक मामले में जहां पिता ने ही बेटी की हत्या करके लाश गायब कर दी। दूसरे मामले में किशोरी से गैंगरेप के बाद उसका जबरन अंतिम संस्कार भी आरोपियों ने करवा दिया और मां-बाप को डरा धमकाकर पुलिस तक नहीं आने दिया।
आईजी को बताई पुलिस की करतूत
फर्रुखाबाद। जहानगंज थाना क्षेत्र के न्यामतपुर ठाकुरान गांव में प्रेम संबंधों के चलते बेटी की हत्या करने के आरोपी पिता और परिजनों को थाना पुलिस ने जांच में क्लीनचिट दे दी। वहीं मामले को उठाने वाले ग्राम प्रधान अभी भी अपनी बात पर कायम है और उन्होंने सोमवार को कानपुर जाकर पुलिस महानिरीक्षक को प्रार्थना पत्र सौंपकर थाना पुलिस की जांच रिपोर्ट को झूठी बताकर प्रकरण की फिर से जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही कहा कि मामले में न्याय न मिलने पर वह हाईकोर्ट का सहारा लेंगे।
न्यामपुर ठाकुरान गांव के ग्राम प्रधान मुनेश्वर सिंह उर्फ मुन्नू सिंह बीती 16 अप्रैल को पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती पत्र सौंपा था। इसमें उन्होंने गांव के ही महेश सिंह उर्फ नन्हे सिंह ने प्रेम संबंधों के चलते गर्भवती हुई बेटी शिल्पी उर्फ शिवानी की हत्या करने का आरोप लगाया था। ग्राम प्रधान ने यह भी कहा था बेटी की हत्या करने के बाद नन्हें सिंह ने परिजनों की मदद से बेटी का शव गायब कर दिया था।
आज कानपुर परिक्षेत्र के आईजी पीयूष आनंद को दिए पत्र में प्रधान मुनेश्वर सिंह ने बताया कि उनके द्वारा दी गई सूचना के बाद पुलिस अधाक्षक ने मामले की जांच थाना पुलिस को सौंपी थी।
ग्राम प्रधान मुनेश्वर सिंह का आरोप है कि तत्कालीन थानाध्यक्ष योगेंद्र शर्मा और दारोगा जिलेदार ने नन्हे सिंह, परिवार के उमेश सिंह, अहिवरन सिंह, सहिवरन सिंह, शिवकेश से सुविधा शुल्क लेकर जांच पर लीपापोती कर दी। ग्राम प्रधान ने बताया एसओ और दारोगा में अपनी रिपोर्ट में रंजिश के चलते यह आरोप लगाने की बात दर्ज की है। इसकी जानकारी मिलने पर ग्राम प्रधान सोमवार को कानपुर गए। वहां उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक कानपुर परिक्षेत्र को शिकायती पत्र देकर प्रकरण से अवगत कराया। इस मामले को उठाने वाले ग्राम प्रधान मुनेश्वर सिंह ने मंगलवार को अमर उजाला कार्यालय आकर बताया कि वह अभी भी अपनी बात पर कायम हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक ने समूचे प्रकरण की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है इस पर भी अगर न्याय नहीं मिला तो वह हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे। उन्होंने कहा झूठी प्रतिष्ठा के लिए बेटी की हत्या करने वाले पिता और उसके परिजनों को वह हर हालत में सजा दिलाकर रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि तत्कालीन थानाध्यक्ष यदि निष्पक्ष जांच करते तो शिल्पी का शव भी बरामद हो सकता था। लेकिन सुविधा शुल्क लेने के कारण उन्होंने ऐसा नहीं किया।
पुलिस की सुस्त चाल पर उठ रहे हैं सवाल
dlअमर उजाला ब्यूरो
कायमगंज। जिराऊ गांव में किशोरी के साथ गैंगरेप कर हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को जेल तो भेज दिया है लेकिन अभी भी पांच आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर है। पुलिस की यह सुस्त चाल सवाल खड़े कर रही है। वहीं विवेचनाधिकारी ने गांव पहुंच कर ग्रामीणों से भी जानकारी ली। इसमें मृतका के मुख्य आरोपी के प्रेमप्रसंग की बात भी सामने आई है।
बीती तेरह अप्रैल को जिराऊ गांव की साधना के साथ गांव के ही युवकों ने गैंगरेप कर हत्या करने के बाद शव फूंक दिया था। पुलिस ने एसपी के आदेश पर कोतवाली में छह लोगो के खिलाफ मुकदमा हुआ था। पुलिस ने नीटू नाम के आरोपी को गिरफ्तार कर जेल दिया था। इसे पुलिस ने मुख्य आरोपी बताया था लेकिन अभी तक पांच आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर है। पुलिस इस मामले में उलझी हुई नजर आ रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों में सगे भाई भी है इस पर पुलिस संदिग्धता जाहिर कर रही है। पुलिस का कहना है कि चूंकि मृतका का शव जला दिया गया इसलिए कोई साक्ष्य सामने नहीं आ रहा है जो बल दे। विवेचनाधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि सोमवार को गांव जाकर उन्होंने गवाहों के बयान लिए और वही ग्रामीणों से भी बात की। उनका कहना है कि घटना तो सभी बता रहे है लेकिन चश्मदीद गवाह इस मामले में नजर नहीं आ रहे है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में पुन: मृतका की मां से भी बात हुई है। दरोगा का कहना है कि ग्रामीणों ने यह भी बताया कि नीटू के मृतका से प्रेम प्रसंग थे। दरोगा ने बताया कि पीड़ित के साथ न्याय होगा और जो भी दोषी होगा वह बख्शा नहीं जाएगा।