कमालगंज (फर्रुखाबाद)। मनरेगा के तहत विकास कार्यो के लिये आने वाली राशि अधिकारी और ग्राम प्रधान डकार रहे हैं। अधिकारी बिना कार्य देखे राशि जारी कर रहे हैं। इसका उदाहरण ग्राम सभा नगला दाऊद में देखा जा सकता है। यहां उन लोगों को जाबकार्ड धारक मजदूर दर्शा कर लाखों रुपये के वारे न्यारे कर लिये गये जिन्होंने कभी फावड़ा को हाथ तक नहीं लगाया। जेल की सलाखों के पीछे बंद लोगों के नाम पर मजदूरी की राशि निकाल कर हजम कर ली गई। इस मामले की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने जांच परियोजना अधिकारी को सौंप दी।
नगला दाऊद निवासी अली दराज ने जिलाधिकारी मुथूकुमार स्वामी को सौंपे शिकायती पत्र में बताया कि मनरेगा के तहत करीब बीस लाख रुपए की राशि ग्राम प्रधान व खंड विकास कार्यालय के अधिकारियों ने बैंक से आहरित कर ली। लेकिन विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ। ग्राम प्रधान ने अपने सगे संबंधियों को मजदूर बताकर राशि हड़प ली। शिकायत में बताया गया कि ग्राम प्रधान का भाई इसरार उर्फ इजराइल पिछले 14 महीने से गुंडा एक्ट के तहत जेल में निरुद्ध हैं लेकिन उसके नाम से मनरेगा के तहत मजदूरी की राशि निकाल ली गई। इसी प्रकार भट्टू पुत्र शहीद कैंसर का मरीज था। बीती बीस अक्तूबर को उसकी मौत हो गई। लेकिन उसके नाम पर मजदूरी राशि बैंक से आहरित की जाती रही। इन आरोपों के पक्ष में शिकायतकर्ता ने नेट से प्राप्त कागजात पेश किए। शिकायत में बताया गया कि ग्राम प्रधान ने अपने पिता व सगे चाचा के खेत के समतलीकरण, गांव में यासीन के दरवाजे से कलीम के मकान तक खडंजा, नाली का निर्माण दिखाकर लाखों रुपए निकाल लिये जवकि यासीन के दरवाजे से कलीम के मकान तक पहले से ही डामर रोड है। इसी प्रकार कलीम के मकान से नवी के खेत तक नाले का निर्माण कराना मनरेगा के तहत दर्शाया गया, जबकि 2011-12 में इसी नाले का निर्माण सिंचाई विभाग ने कराया था। जिलाधिकारी से की गई शिकायत के पक्ष में 66 पेज नेट से प्राप्त प्रमाण प्रस्तुत किए गए। इस शिकायत व आरोपों के पक्ष में लगाए गए दस्तावेजी प्रमाण देखकर जिलाधिकारी भौचक्के रह गए। उन्होंने मामले की जांच परियोजना निदेशक को सौंपी। परियोजना निदेशक ने जांच शुरू कर दी है।
कमालगंज (फर्रुखाबाद)। मनरेगा के तहत विकास कार्यो के लिये आने वाली राशि अधिकारी और ग्राम प्रधान डकार रहे हैं। अधिकारी बिना कार्य देखे राशि जारी कर रहे हैं। इसका उदाहरण ग्राम सभा नगला दाऊद में देखा जा सकता है। यहां उन लोगों को जाबकार्ड धारक मजदूर दर्शा कर लाखों रुपये के वारे न्यारे कर लिये गये जिन्होंने कभी फावड़ा को हाथ तक नहीं लगाया। जेल की सलाखों के पीछे बंद लोगों के नाम पर मजदूरी की राशि निकाल कर हजम कर ली गई। इस मामले की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने जांच परियोजना अधिकारी को सौंप दी।
नगला दाऊद निवासी अली दराज ने जिलाधिकारी मुथूकुमार स्वामी को सौंपे शिकायती पत्र में बताया कि मनरेगा के तहत करीब बीस लाख रुपए की राशि ग्राम प्रधान व खंड विकास कार्यालय के अधिकारियों ने बैंक से आहरित कर ली। लेकिन विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ। ग्राम प्रधान ने अपने सगे संबंधियों को मजदूर बताकर राशि हड़प ली। शिकायत में बताया गया कि ग्राम प्रधान का भाई इसरार उर्फ इजराइल पिछले 14 महीने से गुंडा एक्ट के तहत जेल में निरुद्ध हैं लेकिन उसके नाम से मनरेगा के तहत मजदूरी की राशि निकाल ली गई। इसी प्रकार भट्टू पुत्र शहीद कैंसर का मरीज था। बीती बीस अक्तूबर को उसकी मौत हो गई। लेकिन उसके नाम पर मजदूरी राशि बैंक से आहरित की जाती रही। इन आरोपों के पक्ष में शिकायतकर्ता ने नेट से प्राप्त कागजात पेश किए। शिकायत में बताया गया कि ग्राम प्रधान ने अपने पिता व सगे चाचा के खेत के समतलीकरण, गांव में यासीन के दरवाजे से कलीम के मकान तक खडंजा, नाली का निर्माण दिखाकर लाखों रुपए निकाल लिये जवकि यासीन के दरवाजे से कलीम के मकान तक पहले से ही डामर रोड है। इसी प्रकार कलीम के मकान से नवी के खेत तक नाले का निर्माण कराना मनरेगा के तहत दर्शाया गया, जबकि 2011-12 में इसी नाले का निर्माण सिंचाई विभाग ने कराया था। जिलाधिकारी से की गई शिकायत के पक्ष में 66 पेज नेट से प्राप्त प्रमाण प्रस्तुत किए गए। इस शिकायत व आरोपों के पक्ष में लगाए गए दस्तावेजी प्रमाण देखकर जिलाधिकारी भौचक्के रह गए। उन्होंने मामले की जांच परियोजना निदेशक को सौंपी। परियोजना निदेशक ने जांच शुरू कर दी है।