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विकलांगों ने की भत्ता बढ़ाने की मांग
Farrukhabad
Updated Tue, 15 May 2012 12:00 PM IST
फर्रुखाबाद। रेडिकल इंस्पायरिंग पब्लिक स्कूल ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार को भेजे 10 सूत्री ज्ञापन में विकलांगों की विभिन्न समस्याओं को उठाया है। विकलांगों का भरण-पोषण भत्ता बढ़ाए जाने की मांग भी की गई।
ज्ञापन में कहा कहा गया कि अन्य प्रदेशों की भांति उत्तर प्रदेश में भी विकलांगों का भरण-पोषण भत्ता 300 रुपए मासिक की बजाए 500 रुपए मासिक किए जाए। तथा इसे पाने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से घटाकर पांच वर्ग की जाए। 60 साल से ऊपर के विकलांगों को 1000 रुपए मासिक भत्ता मिले, जो लगातार मिलता रहे। विकलांग छात्रों को विशिष्ट छात्र का दर्जा देकर सामान्य छात्रों की अपेक्षा विशिष्ट छात्रवृत्ति प्रति कक्षा स्तर पर चार गुनी बढ़ाकर प्रदान की जाए, मूकबधिर, नेत्रहीन और विकलांग छात्रों के लिए जिला स्तर पर विशेष शिक्षकों की व्यवस्था की जाए।
सरकारी नौकरियों में आरक्षण सुनिश्चित कर विशिष्ट प्रोन्नति दी जाए, इंजीनियर, डाक्टर, एकाउंटेंट, विश्वविद्यालय स्तरीय, प्रशासनिक सेवाओं आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जाए, विकलांगों को रेलयात्रा की सुविधा हेतु विकलांग कोच बढ़ाकर आरक्षित किए जाने के साथ ही कोचों को इंजन के पास तथा गार्ड के पास ही सुनिश्चित किए जाएं, 40 से 75 प्रतिशत के विकलांगों को रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दिलवाई जाए, 40 से 100 प्रतिशत के विकलांग को बीपीएल राशनकार्ड, अंत्योदय राशन कार्ड बनवाए जाएं, सभी प्रकार के चुनावों में विकलांगजनों की पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएं।
इसके अलावा रिप्स निर्धन-विकलांग सेवा शिक्षण संस्थान को सहायता प्राप्त विद्यालयों की सूची में शामिल किया जाए, निराश्रित विकलांगों के लिए जिले में रिप्स संस्था की रजिस्टर्ड भूम पर विकलांग आश्रय गृह का निर्माण कराया जाए और उसमें रोजगार की व्यवस्था की जाए। ज्ञापन में प्रबंधक/सचिव सरोज राठौर, अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह फौजी, कौशलेंद्र कुमार, कामिनी सिद्दीकी, अंजू शाक्य, गुड्डी के हस्ताक्षर हैं।
फर्रुखाबाद। रेडिकल इंस्पायरिंग पब्लिक स्कूल ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार को भेजे 10 सूत्री ज्ञापन में विकलांगों की विभिन्न समस्याओं को उठाया है। विकलांगों का भरण-पोषण भत्ता बढ़ाए जाने की मांग भी की गई।
ज्ञापन में कहा कहा गया कि अन्य प्रदेशों की भांति उत्तर प्रदेश में भी विकलांगों का भरण-पोषण भत्ता 300 रुपए मासिक की बजाए 500 रुपए मासिक किए जाए। तथा इसे पाने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से घटाकर पांच वर्ग की जाए। 60 साल से ऊपर के विकलांगों को 1000 रुपए मासिक भत्ता मिले, जो लगातार मिलता रहे। विकलांग छात्रों को विशिष्ट छात्र का दर्जा देकर सामान्य छात्रों की अपेक्षा विशिष्ट छात्रवृत्ति प्रति कक्षा स्तर पर चार गुनी बढ़ाकर प्रदान की जाए, मूकबधिर, नेत्रहीन और विकलांग छात्रों के लिए जिला स्तर पर विशेष शिक्षकों की व्यवस्था की जाए।
सरकारी नौकरियों में आरक्षण सुनिश्चित कर विशिष्ट प्रोन्नति दी जाए, इंजीनियर, डाक्टर, एकाउंटेंट, विश्वविद्यालय स्तरीय, प्रशासनिक सेवाओं आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जाए, विकलांगों को रेलयात्रा की सुविधा हेतु विकलांग कोच बढ़ाकर आरक्षित किए जाने के साथ ही कोचों को इंजन के पास तथा गार्ड के पास ही सुनिश्चित किए जाएं, 40 से 75 प्रतिशत के विकलांगों को रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दिलवाई जाए, 40 से 100 प्रतिशत के विकलांग को बीपीएल राशनकार्ड, अंत्योदय राशन कार्ड बनवाए जाएं, सभी प्रकार के चुनावों में विकलांगजनों की पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएं।
इसके अलावा रिप्स निर्धन-विकलांग सेवा शिक्षण संस्थान को सहायता प्राप्त विद्यालयों की सूची में शामिल किया जाए, निराश्रित विकलांगों के लिए जिले में रिप्स संस्था की रजिस्टर्ड भूम पर विकलांग आश्रय गृह का निर्माण कराया जाए और उसमें रोजगार की व्यवस्था की जाए। ज्ञापन में प्रबंधक/सचिव सरोज राठौर, अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह फौजी, कौशलेंद्र कुमार, कामिनी सिद्दीकी, अंजू शाक्य, गुड्डी के हस्ताक्षर हैं।