फर्रुखाबाद। डीएम के आदेश स्वास्थ्य विभाग के लिए कोई मायने नहीं रखते हैं। इसकी बानगी सोमवार को उस समय देखने को मिली जब प्रसव पीड़त आशा बहू को अस्पताल ले जाने के लिए दूसरी आशा बहू नहीं मिली। परिजन उसे लेकर कमालगंज सीएचसी पहुंचे। यहां डाक्टर के बजाए नर्स और दाई ने तीन घंटे तक प्रसव कराने की कोशिश की। यहीं नहीं इस दौरान दाई ने कई बार आशा बहू का पेट कई बार दबाया। हद तो तब हो गई जब प्रसव न होने पर दाई उसके पेट पर ही चढ़कर बैठ गई। परिणामस्वरूप हालत बिगड़ने पर आशा बहू को लोहिया अस्पताल रिफर कर दिया गया। लोहिया पहुंचते ही उसकी मौत हो गई। इससे परिजन आक्रोषित होने के साथ ही सदमे में आ गए और देवरानी की हालत खराब हो गई। इस पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बीती एक मई को जिलाधिकारी ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में आशा बहुओं को गर्भवती महिलाओं की सूची बनाकर संस्थागत प्रसव कराने और जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए थे। साथ ही कहा था कि यह भी ध्यान रखा जाए की कहीं भी दाई प्रसव नहीं कराने पाए।
इसके ठीक उलट कमालगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स और दाई ने प्रशव कराने का प्रयास किया। कमालगंज प्रतिनिधि के अनुसार आज सुबह करीब पांज बजे जहानगंज के गांव भरतापुर निवासी आशा बहू रूकसाना पत्नी मोईनुद्दीन उर्फ मुन्ना को परिजन कमालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। यहां नर्स व दाई प्रसव कराने के लिए करीब तीन घंटे तक प्रयास करती रही लेकिन सफलता नहीं मिली। इसी दौरान उसकी हालत बिगड़ गई। इस पर स्वास्थ्य कर्मियों ने हाथ खड़े कर दिए और उसे लोहिया अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इस पर परिजन रुखसाना को नगर के एक नर्सिंग होम में ले गए। यहां उसकी हालत गंभीर देखकर भर्ती नहीं किया गया।
बाद में रुखसाना को लोहिया अस्पताल ले जाया गया। वहां भर्ती होने से पहले ही उसकी मौत हो गई। मौत की खबर होने पर परिजनों में कोहराम मच गया। विलाप में देवरानी की हालत बिगड़ गई। इस पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में मौजूद परिजनों ने बताया कि यहां पहले तो कमालगंज सीएचसी में दाई ने बताया कि साधारण प्रसव होगा। लेकिन कुछ देर के बाद कहा कि परेशानी हो गई। इसके लिये उसे इंजेक्शन लगाया गया। लेकिन उससे कोई लाभ नहीं हुआ। उल्टे उसकी हालत बिगड़ गई। इस पर लोहिया अस्पताल ले जाने की सलाह देकर उसे अस्पताल से निकाल दिया गया। परिजनों का आरोप है कि प्रसव में देरी होते देखकर दाई ने रुखसाना के पेट पर बैठकर दबाया। इससे उसकी हालत बिगड़ गई। यहीं उसकी मौत का कारण बन गया। परिजनों ने बताया कि इसकी शिकायत डीएम से की जाएगी।