फर्रुखाबाद। छत पर सो रहे साधु का शनिवार की रात धारदार हथियार से गला काट दिया गया। उसे गंभीर हालत में लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने कानपुर के लिए रेफर कर दिया। परिजन उसे लेकर कानपुर जा रहे थे कि रास्ते में ही मौत हो गई। हत्या के पीछे जमीन का विवाद बताया जा रहा है। मृतक के साले ने चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
राजेपुर थाना क्षेत्र के गांव चाचूपुर निवासी उमानंद मिश्रा का मकान सुनसान इलाके में है। उसके घर पर दूर के रिश्ते में बहनोई लगने वाले साधु वेशधारी बाबा मिथिलेश शरण पांडेय करीब पांच वर्षों से रह रहे थे। मिथिलेश मूल रूप से जिला हरदोई थाना सुरसा के गंाव तुसौरा के रहने वाले थे। शनिवार की रात उमानंद मिश्रा घटियाघाट स्थित दूसरे मकान पर सो रहा था। मिथिलेश शरण पांडेय, उमानंद की पत्नी नीता उसकी 9 वर्षीय बेटी हर्षिता, 4 वर्षीय बेटा श्याम छत पर सो रहे थे। शनिवार को ही उमानंद के घर उसकेरिश्तेदार ब्रजमोहन और श्यामल भी आए थे। ये दोनों घर में नीचे सो रहे थे।
उमानंद की पत्नी का कहना है कि रात करीब 12 बजे कुछ हमलावर सीढ़ी के रास्ते छत पर पहुंचे। छत पर सो रहे बाबा मिथिलेश शरण का गला धारदार हथियार से काट दिया। चीख सुनकर नीता की आंख खुली। उसने देखा कि मिथिलेश शरण छटपटा रहे हैं और कुछ हमलावर नीचे उतर कर जा रहे हैं। उसने शोर मचाया तो नीचे सो रहे रिश्तेदार भी छत पर पहुंचे। बाबा मिथिलेश शरण को लहूलुहान देखा। उमानंद को सूचना दी गई, कुछ देर बाद वह भी मौके पर पहुंचा। फिर बाबा मिथिलेश शरण को लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने हालत गंभीर देख कानपुर रेफर कर दिया। कानपुर ले जाते समय रास्ते में मिथिलेश शरण की मौत हो गई। परिजन शव लेकर वापस घर पहुंचे।
सुबह मामले की जानकारी होने पर एएसपी ओपी सिंह, सीओ मोहम्मदाबाद डीएस गर्ब्याल, एसओ दिलेश सिंह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने परिवार के लोगों से पूछताछ की। इसके बाद उमानंद की तहरीर पर पुलिस ने चाचूपुर निवासी बालकराम, राकेश और सोताबहादुरपुर निवासी ताहिर अली, सराफत अली के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है। इसमें नामजद लोगों से जमीनी रंजिश को लेकर विवाद की बात कही गई है।
उमानंद ने जिस मामले को आधार बनाते हुए तहरीर दी है उस मामले में कई वर्ष से विवाद चल रहा था। बताया जाता है कि राजेपुर के गांव चाचूपुर निवासी उमानंद की पत्नी नीता के पिता रामाधर के पास करीब12 बीघा पट्टे की जमीन थी, जिसका पट्टा 1970 में हुआ था। रामाधर की मौत के बाद यह जमीन नीता के पास आ गई। उमानंद ने बताया इस जमीन पर कब्जा करने के लिए ताहिर अली और उसके साथी कई बार प्रयास कर चुके हैं। इसको लेकर मुकद्मेबाजी चल रही है। इन लोगों ने उन पर कई वार हमला भी किया था। इसलिए उसने अपने दूर के रिश्ते के बहनोई बाबा मिथिलेश शरण को अपने पास बुला लिया था। उनके पास लाइसेंसी बदूक भी है। वह मूल रूप से जिला हरदोई थाना सुरसा के गंाव तुसौरा के रहने वाले थे। एक वर्ष पहले उसके ऊपर हमला किया गया था। जिसमें फायरिंग भी हुई थी। उसी में बाबा की बंदूक थाने में जमा हो चुकी है।
फर्रुखाबाद। छत पर सो रहे साधु का शनिवार की रात धारदार हथियार से गला काट दिया गया। उसे गंभीर हालत में लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने कानपुर के लिए रेफर कर दिया। परिजन उसे लेकर कानपुर जा रहे थे कि रास्ते में ही मौत हो गई। हत्या के पीछे जमीन का विवाद बताया जा रहा है। मृतक के साले ने चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
राजेपुर थाना क्षेत्र के गांव चाचूपुर निवासी उमानंद मिश्रा का मकान सुनसान इलाके में है। उसके घर पर दूर के रिश्ते में बहनोई लगने वाले साधु वेशधारी बाबा मिथिलेश शरण पांडेय करीब पांच वर्षों से रह रहे थे। मिथिलेश मूल रूप से जिला हरदोई थाना सुरसा के गंाव तुसौरा के रहने वाले थे। शनिवार की रात उमानंद मिश्रा घटियाघाट स्थित दूसरे मकान पर सो रहा था। मिथिलेश शरण पांडेय, उमानंद की पत्नी नीता उसकी 9 वर्षीय बेटी हर्षिता, 4 वर्षीय बेटा श्याम छत पर सो रहे थे। शनिवार को ही उमानंद के घर उसकेरिश्तेदार ब्रजमोहन और श्यामल भी आए थे। ये दोनों घर में नीचे सो रहे थे।
उमानंद की पत्नी का कहना है कि रात करीब 12 बजे कुछ हमलावर सीढ़ी के रास्ते छत पर पहुंचे। छत पर सो रहे बाबा मिथिलेश शरण का गला धारदार हथियार से काट दिया। चीख सुनकर नीता की आंख खुली। उसने देखा कि मिथिलेश शरण छटपटा रहे हैं और कुछ हमलावर नीचे उतर कर जा रहे हैं। उसने शोर मचाया तो नीचे सो रहे रिश्तेदार भी छत पर पहुंचे। बाबा मिथिलेश शरण को लहूलुहान देखा। उमानंद को सूचना दी गई, कुछ देर बाद वह भी मौके पर पहुंचा। फिर बाबा मिथिलेश शरण को लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने हालत गंभीर देख कानपुर रेफर कर दिया। कानपुर ले जाते समय रास्ते में मिथिलेश शरण की मौत हो गई। परिजन शव लेकर वापस घर पहुंचे।
सुबह मामले की जानकारी होने पर एएसपी ओपी सिंह, सीओ मोहम्मदाबाद डीएस गर्ब्याल, एसओ दिलेश सिंह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने परिवार के लोगों से पूछताछ की। इसके बाद उमानंद की तहरीर पर पुलिस ने चाचूपुर निवासी बालकराम, राकेश और सोताबहादुरपुर निवासी ताहिर अली, सराफत अली के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है। इसमें नामजद लोगों से जमीनी रंजिश को लेकर विवाद की बात कही गई है।
उमानंद ने जिस मामले को आधार बनाते हुए तहरीर दी है उस मामले में कई वर्ष से विवाद चल रहा था। बताया जाता है कि राजेपुर के गांव चाचूपुर निवासी उमानंद की पत्नी नीता के पिता रामाधर के पास करीब12 बीघा पट्टे की जमीन थी, जिसका पट्टा 1970 में हुआ था। रामाधर की मौत के बाद यह जमीन नीता के पास आ गई। उमानंद ने बताया इस जमीन पर कब्जा करने के लिए ताहिर अली और उसके साथी कई बार प्रयास कर चुके हैं। इसको लेकर मुकद्मेबाजी चल रही है। इन लोगों ने उन पर कई वार हमला भी किया था। इसलिए उसने अपने दूर के रिश्ते के बहनोई बाबा मिथिलेश शरण को अपने पास बुला लिया था। उनके पास लाइसेंसी बदूक भी है। वह मूल रूप से जिला हरदोई थाना सुरसा के गंाव तुसौरा के रहने वाले थे। एक वर्ष पहले उसके ऊपर हमला किया गया था। जिसमें फायरिंग भी हुई थी। उसी में बाबा की बंदूक थाने में जमा हो चुकी है।