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फैजाबाद/अयोध्या (ब्यूरो)। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व सांसद डॉ. राम विलास दास वेदांती भाजपा से टिकट बंटवारे की जारी हुई सूची में नाम न आने से खासे नाराज थे, सुबह से दोपहर तक विहिप-संघ नेताओं को फोन कर चेताते रहे। लेकिन सूरज ढलने के साथ उनके तेवर नरम पड़ते गए। इस दौरान बसपा में जाने की बातें सामने आती रहीं, हालांकि बसपा की सूची जारी होते ही निराश दिखे। शाम पांच बजे ‘अमर उजाला’ से कहा कि ‘मैं जहां था वहीं हूं, बसपा में कभी नहीं जा सकता। सब अफवाह है।’
हिंदू धाम नयाघाट स्थित आवास पर गुरुवार को डॉ. वेदांती मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष की अवस्था से जनसंघ का सिपाही रहा हूं। राम मंदिर आंदोलन में विहिप से वर्ष 1984 में आयोजित श्री राम जानकी रथयात्रा से जुड़ा तो आज तक जुड़ा हुआ हूं। कहा कि राम मंदिर आंदोलन की बदौलत भाजपा ने सत्ता के शीर्ष तक का सफर तय किया, पर आज आंदोलन से जुड़े लोगों को ही किनारे कर दिया है। स्वामी चिन्मयानंद, सुब्रह्मण्यम स्वामी जैसे लोगों को किनारे किया गया। कहा कि राजनाथ नहीं चाहते कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें। वह अंबेडकरनगर, बस्ती व गोंडा सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन उन्हें कहीं से भी टिकट नहीं दिया गया। हालांकि वह नाराजगी की बाबत पार्टी फोरम पर शिकायत दर्ज कराए जाने की बाबत चुप्पी साध गए।
फैजाबाद/अयोध्या (ब्यूरो)। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व सांसद डॉ. राम विलास दास वेदांती भाजपा से टिकट बंटवारे की जारी हुई सूची में नाम न आने से खासे नाराज थे, सुबह से दोपहर तक विहिप-संघ नेताओं को फोन कर चेताते रहे। लेकिन सूरज ढलने के साथ उनके तेवर नरम पड़ते गए। इस दौरान बसपा में जाने की बातें सामने आती रहीं, हालांकि बसपा की सूची जारी होते ही निराश दिखे। शाम पांच बजे ‘अमर उजाला’ से कहा कि ‘मैं जहां था वहीं हूं, बसपा में कभी नहीं जा सकता। सब अफवाह है।’
हिंदू धाम नयाघाट स्थित आवास पर गुरुवार को डॉ. वेदांती मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष की अवस्था से जनसंघ का सिपाही रहा हूं। राम मंदिर आंदोलन में विहिप से वर्ष 1984 में आयोजित श्री राम जानकी रथयात्रा से जुड़ा तो आज तक जुड़ा हुआ हूं। कहा कि राम मंदिर आंदोलन की बदौलत भाजपा ने सत्ता के शीर्ष तक का सफर तय किया, पर आज आंदोलन से जुड़े लोगों को ही किनारे कर दिया है। स्वामी चिन्मयानंद, सुब्रह्मण्यम स्वामी जैसे लोगों को किनारे किया गया। कहा कि राजनाथ नहीं चाहते कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें। वह अंबेडकरनगर, बस्ती व गोंडा सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन उन्हें कहीं से भी टिकट नहीं दिया गया। हालांकि वह नाराजगी की बाबत पार्टी फोरम पर शिकायत दर्ज कराए जाने की बाबत चुप्पी साध गए।