अयोध्या। कोरोना महामारी के तहत अपने मां-बाप अथवा किसी एक को खोकर अनाथ हुए बच्चों के जख्म पर मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना मरहम लगा रहा है। पहले चरण में 217 बच्चों को चार हजार रुपये मासिक पेंशन की शुरुआत करने के बाद अब कक्षा नौ से इंटर तक के 71 बच्चों को लैपटॉप/टैबलेट देने की तैयारी है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने जिले में खूब तबाही मचाई। काफी तादाद में लोगों ने अपनों को खोया तो बहुत से नौनिहालों के सिर से मां-बाप का साया भी उठ गया। बचपन में ही उनके ऊपर आई इस विपदा में उन्हें कंधा देने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है।
जिसके तहत 0 से 18 आयु वर्ग के ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता या दोनों की कोविड-19 की वजह से मौत हो गई हो, उन्हें पुष्ट कागजातों के आधार पर योजना में शामिल किया। योजना के तहत अलग-अलग आयु के 217 बच्चे चिह्नित किए गए। जिन्हें चार हजार रुपये प्रतिमाह धनराशि दी जा रही है।
सितंबर माह में इन्हें एक किस्त भेजी भी गई है। यह धनराशि इनके बालिग होने तक दी जाएगी। अब दूसरे चरण में कक्षा नौ या इससे ऊपर की कक्षा में व व्यवसायिक रूप से शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को लैपटॉप/टैबलेट दिया जाना है। इसमें कक्षा नौ के 16, हाईस्कूल के 37, 11वीं के आठ व इंटर के 10 बच्चे शामिल हैं।
इनकी सूची महिला कल्याण विभाग की ओर से फाइनल करके शासन को प्रेषित की गई है। बाल संरक्षण अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि 217 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत चार रुपये धनराशि प्रतिमाह दी जा रही है। दूसरे चरण में 71 बच्चों को लैपटॉप/टैबलेट दिया जाना है। जिसकी सूची शासन को भेज दी गई है। निर्देश मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
अयोध्या। कोरोना महामारी के तहत अपने मां-बाप अथवा किसी एक को खोकर अनाथ हुए बच्चों के जख्म पर मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना मरहम लगा रहा है। पहले चरण में 217 बच्चों को चार हजार रुपये मासिक पेंशन की शुरुआत करने के बाद अब कक्षा नौ से इंटर तक के 71 बच्चों को लैपटॉप/टैबलेट देने की तैयारी है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने जिले में खूब तबाही मचाई। काफी तादाद में लोगों ने अपनों को खोया तो बहुत से नौनिहालों के सिर से मां-बाप का साया भी उठ गया। बचपन में ही उनके ऊपर आई इस विपदा में उन्हें कंधा देने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है।
जिसके तहत 0 से 18 आयु वर्ग के ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता या दोनों की कोविड-19 की वजह से मौत हो गई हो, उन्हें पुष्ट कागजातों के आधार पर योजना में शामिल किया। योजना के तहत अलग-अलग आयु के 217 बच्चे चिह्नित किए गए। जिन्हें चार हजार रुपये प्रतिमाह धनराशि दी जा रही है।
सितंबर माह में इन्हें एक किस्त भेजी भी गई है। यह धनराशि इनके बालिग होने तक दी जाएगी। अब दूसरे चरण में कक्षा नौ या इससे ऊपर की कक्षा में व व्यवसायिक रूप से शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को लैपटॉप/टैबलेट दिया जाना है। इसमें कक्षा नौ के 16, हाईस्कूल के 37, 11वीं के आठ व इंटर के 10 बच्चे शामिल हैं।
इनकी सूची महिला कल्याण विभाग की ओर से फाइनल करके शासन को प्रेषित की गई है। बाल संरक्षण अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि 217 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत चार रुपये धनराशि प्रतिमाह दी जा रही है। दूसरे चरण में 71 बच्चों को लैपटॉप/टैबलेट दिया जाना है। जिसकी सूची शासन को भेज दी गई है। निर्देश मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।