हनुमान जी की कृपा से शीघ्र होगा राममंदिर का निर्माण: वासुदेवानंद सरस्वती
अयोध्या। रामजन्मभूमि पर मंदिर कब बनेगा यह प्रश्न पूरे हिंदू समाज का है। विवादित ढांचा किसी संगठन या न्यास ने नहीं तोड़ा बल्कि हनुमानजी कृपा से टूटा। 450 वर्ष पुराना ढांचा साढ़े चार घंटे में ढहा दिया गया तो यह बजरंगबली की ही कृपा थी। राममंदिर बनवाना है तो हनुमान जी से प्रार्थना करिए। उन्हीं की कृपा से ही मंदिर बनेगा।
कोर्ट किसी के भी अंदर श्रद्धा और निष्ठा नहीं पैदा कर सकती है यह गुरुजनों व हनुमानजी की कृपा से ही पैदा होती है। यह बातें ज.गु. स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने 37वें रामायण मेले का उद्घाटन करते हुए मंगलवार को रामकथा पार्क में कहीं। उन्होंने कहा कि रामायण जीवन का आधार ग्रंथ है। रामायण यानि कि राम का घर।
गुरुजनों के माध्यम से जो व्यवस्था बनती है वह सफल होती है। बाहर और भीतर दोनों को प्रकाशमय बनाना है तो राम नाम ही बेहतर माध्यम है। रामजन्मभूमि न्यास व रामायण मेला समिति के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि रामायण मेले जैसे आयोजनों से विकृत हो रही संस्कृति को बचाना संभव है।
आज रामायण मेले जैसे आयोजन को विराट स्वरूप देने की आवश्यकता है। महंत कन्हैयादास रामायणी ने कहा कि अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण होगा तभी रामायण मेले जैसे आयोजनों की सार्थकता होगी। अधिकारी राजकुमार दास ने कहा कि रामायण मेले का संदेश है कि हमें भगवान श्रीराम के बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।
महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने रामायण मेले को राम व रामायण संस्कृति के प्रचार-प्रसार का सशक्त माध्यम बताते हुए कहा कि रामविवाह आनंद का उत्सव है। भगवान से जुड़ी संस्कृति का प्रचार-प्रसार ही रामायण मेले का मुख्य संदेश है। रामायण मेला समिति के महामंत्री शीतला सिंह ने अतिथियों का स्वागत सम्मान किया।
इस अवसर पर रामायण मेले के नोडल अधिकारी योगेश कुमार, महंत जन्मेजय शरण, महंत देवमुरारी बापू, महंत संतगोपाल दास, महंत राममंगल दास रामायणी, पंडित कृपानिधान तिवारी, कमलेश सिंह, नंद कुमार मिश्र पेड़ा महाराज, दीपकृष्ण वर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।