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सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जन्मभूमि इटावा से शुरू होकर कर्मभूमि कन्नौज की सीमा तक फैले इटावा संसदीय क्षेत्र के वोटरों को भी गठबंधन की गांठ बांध नहीं पाई। सपा के गढ़ के मतदाताओं ने दलीय बंधन तोड़कर भाजपा के पक्ष में जमकर मतदान किया। इससे पिछले चुनाव की तुलना में भाजपा केवल अपने वोटों में 80028 की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज कर लगातार दूसरी बार इटावा में कमल खिलाने में कामयाब रही। उसके प्रत्याशी डा. रामशंकर कठेरिया ने 63717 वोटों से जीत हासिल की।
इटावा संसदीय क्षेत्र में इटावा, भरथना, औरैया, दिबियापुर और कानपुर देहात जिले के सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र आते हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पांचों सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए थे। भाजपा विधानसभा चुनाव में पांचों सीटें भले ही जीत गई थी लेकिन उसकी जीत का अंतर सपा और बसपा को मिले वोटों से बहुत कम था। पांचों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को 416178 वोट मिले थे जबकि सपा और बसपा ने 567707 वोट हासिल किए थे। सपा व बसपा को मिले वोटों से भाजपा 151529 वोट पीछे थी।
प्रदेश भर में यही आंकड़े देखकर अखिलेश और मायावती पुरानी राजनीतिक दुश्मनी भुलाकर एक मंच पर आए। उन्हें उम्मीद थी कि दोनों दलों के परंपरागत मतदाता भी एक साथ वोट करेंगे, इससे गठबंधन प्रदेश में भाजपा को उखाड़ फेंकेगा। किंतु मतदाताओं ने जाति की बेड़ियां तोड़ दीं और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट कर भाजपा के माथे पर विजय का टीक लगा दिया।
भरथना को छोड़कर भाजपा चार विधानसभा क्षेत्रों में गठबंधन से भारी रही। भरथना में सपा को 120940 और भाजपा को 107551 वोट मिले, यहां सपा 13389 वोट से आगे रही। इटावा में सपा को 89704 व भाजपा को 121783, दिबियापुर में सपा को 88849 व भाजपा को 90461, औरैया में सपा को 84239 व भाजपा को 95584 और सिकंदरा में सपा को 72225 व भाजपा को 104315 वोट मिले। इस तरह भाजपा इटावा में 32079, दिबियापुर में 1612, औरैया में 11345 व सिकंदरा में 32090 मतों की बढ़त बनाई।
2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 80028 वोटों बढ़ोतरी की है जबकि गठबंधन को 3547 मत कम मिले। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 439646 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रही सपा को 266700 और तीसरे नंबर पर ही बसपा को 192804 वोट मिले थे। सपा बसपा के वोटों का योग 459504 रहा था। इस बाद बसपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ने के बावजूद सपा को 455957 वोट ही मिल पाए। ये वोट पिछले बार की तुलना में 3547 कम हैं।
विधानसभा चुनाव 2014 में किसे मिले कितने वोट
विस क्षेत्र भाजपा सपा+बसपा अंतर
इटावा 91234 122469 31235
भरथना 82005 141875 59870
दिबियापुर 71480 110838 39358
औरैया 83580 100739 17159
सिकंदरा 87879 091786 03907
नोट : विधानसभा चुनाव में सपा व बसपा अलग-अलग लड़ीं थीं।
लोकसभा चुनाव 2019 में किसे कहां मिले कितने वोट
विस क्षेत्र भाजपा गठबंधन अंतर
इटावा 121783 89704 32079
भरथना 107551 120940 13389
दिबियापुर 90461 88849 1612
औरैया 95584 84239 11345
सिकंदरा 104315 72225 32090
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जन्मभूमि इटावा से शुरू होकर कर्मभूमि कन्नौज की सीमा तक फैले इटावा संसदीय क्षेत्र के वोटरों को भी गठबंधन की गांठ बांध नहीं पाई। सपा के गढ़ के मतदाताओं ने दलीय बंधन तोड़कर भाजपा के पक्ष में जमकर मतदान किया। इससे पिछले चुनाव की तुलना में भाजपा केवल अपने वोटों में 80028 की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज कर लगातार दूसरी बार इटावा में कमल खिलाने में कामयाब रही। उसके प्रत्याशी डा. रामशंकर कठेरिया ने 63717 वोटों से जीत हासिल की।
इटावा संसदीय क्षेत्र में इटावा, भरथना, औरैया, दिबियापुर और कानपुर देहात जिले के सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र आते हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पांचों सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए थे। भाजपा विधानसभा चुनाव में पांचों सीटें भले ही जीत गई थी लेकिन उसकी जीत का अंतर सपा और बसपा को मिले वोटों से बहुत कम था। पांचों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को 416178 वोट मिले थे जबकि सपा और बसपा ने 567707 वोट हासिल किए थे। सपा व बसपा को मिले वोटों से भाजपा 151529 वोट पीछे थी।
प्रदेश भर में यही आंकड़े देखकर अखिलेश और मायावती पुरानी राजनीतिक दुश्मनी भुलाकर एक मंच पर आए। उन्हें उम्मीद थी कि दोनों दलों के परंपरागत मतदाता भी एक साथ वोट करेंगे, इससे गठबंधन प्रदेश में भाजपा को उखाड़ फेंकेगा। किंतु मतदाताओं ने जाति की बेड़ियां तोड़ दीं और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट कर भाजपा के माथे पर विजय का टीक लगा दिया।
भरथना को छोड़कर भाजपा चार विधानसभा क्षेत्रों में गठबंधन से भारी रही। भरथना में सपा को 120940 और भाजपा को 107551 वोट मिले, यहां सपा 13389 वोट से आगे रही। इटावा में सपा को 89704 व भाजपा को 121783, दिबियापुर में सपा को 88849 व भाजपा को 90461, औरैया में सपा को 84239 व भाजपा को 95584 और सिकंदरा में सपा को 72225 व भाजपा को 104315 वोट मिले। इस तरह भाजपा इटावा में 32079, दिबियापुर में 1612, औरैया में 11345 व सिकंदरा में 32090 मतों की बढ़त बनाई।
2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 80028 वोटों बढ़ोतरी की है जबकि गठबंधन को 3547 मत कम मिले। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 439646 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रही सपा को 266700 और तीसरे नंबर पर ही बसपा को 192804 वोट मिले थे। सपा बसपा के वोटों का योग 459504 रहा था। इस बाद बसपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ने के बावजूद सपा को 455957 वोट ही मिल पाए। ये वोट पिछले बार की तुलना में 3547 कम हैं।
विधानसभा चुनाव 2014 में किसे मिले कितने वोट
विस क्षेत्र भाजपा सपा+बसपा अंतर
इटावा 91234 122469 31235
भरथना 82005 141875 59870
दिबियापुर 71480 110838 39358
औरैया 83580 100739 17159
सिकंदरा 87879 091786 03907
नोट : विधानसभा चुनाव में सपा व बसपा अलग-अलग लड़ीं थीं।
लोकसभा चुनाव 2019 में किसे कहां मिले कितने वोट
विस क्षेत्र भाजपा गठबंधन अंतर
इटावा 121783 89704 32079
भरथना 107551 120940 13389
दिबियापुर 90461 88849 1612
औरैया 95584 84239 11345
सिकंदरा 104315 72225 32090