इटावा। बहु प्रतीक्षित रामनगर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) की नींव जनवरी में रखी जाएगी। रेलवे और प्रदेश शासन के अधिकारियों ने जीडीए पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। बिजली के खंभे हटाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने भी सर्वे शुरू कर दिया है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया भी पूरी होगी।
रामनगर रेलवे फाटक पर शहर दो हिस्सों में बांटता है। यहां पर कई वर्ष से आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) की मांग की जा रही है। सपा शासन में भी आरओबी के लिए प्रस्ताव बना था, तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री ने खुद मौके पर सर्वे किया था लेकिन प्रदेश शासन की ओर से स्वीकृति नहीं मिल पाई थी, जबकि रेलवे की ओर से बजट भी मंजूर हो गया था। चुनाव जीतने के बाद भाजपा सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया के सामने दोबारा मांग उठी थी। उन्होंने इसे गंभीरता से लेकर रेलवे अधिकारियों की बैठक लेने के साथ प्रदेश के अधिकारियों से भी चर्चा की। इससे आरओबी का रास्ता साफ हो गया। सर्वे के बाद सेतु निगम ने अपने हिस्से के लिए 50 करोड़ की डीपीआर बनाकर पिछले महीने शासन को भेज दी थी। इसके बाद अंतिम जीएडी (जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग) को सेतु निगम और रेलवे के अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर मंजूरी दे दी है।
रेलवे के मंडल अभियंता गौरव लूनिवाल ने बताया कि रेलवे ने साल 2013-14 में ही आरओबी के लिए पहल कर दी थी। अब सभी दिक्कतें दूर हो गई हैं। जीएडी पर हस्ताक्षर हो गए हैं, अब जल्द ही रेलवे अपने हिस्से का टेंडर इलाहाबाद में करेगा। जमीन अधिग्रहण और कुछ सर्वे बाकी है, जिसे दिसंबर में पूर्ण कर लिया जाएगा। जनवरी में निर्माण कार्य शुरू होने की पूरी उम्मीद है। आरओबी बनने के बाद फाटक बंद कर दिया जाएगा।
इटावा। बहु प्रतीक्षित रामनगर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) की नींव जनवरी में रखी जाएगी। रेलवे और प्रदेश शासन के अधिकारियों ने जीडीए पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। बिजली के खंभे हटाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने भी सर्वे शुरू कर दिया है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया भी पूरी होगी।
रामनगर रेलवे फाटक पर शहर दो हिस्सों में बांटता है। यहां पर कई वर्ष से आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) की मांग की जा रही है। सपा शासन में भी आरओबी के लिए प्रस्ताव बना था, तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री ने खुद मौके पर सर्वे किया था लेकिन प्रदेश शासन की ओर से स्वीकृति नहीं मिल पाई थी, जबकि रेलवे की ओर से बजट भी मंजूर हो गया था। चुनाव जीतने के बाद भाजपा सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया के सामने दोबारा मांग उठी थी। उन्होंने इसे गंभीरता से लेकर रेलवे अधिकारियों की बैठक लेने के साथ प्रदेश के अधिकारियों से भी चर्चा की। इससे आरओबी का रास्ता साफ हो गया। सर्वे के बाद सेतु निगम ने अपने हिस्से के लिए 50 करोड़ की डीपीआर बनाकर पिछले महीने शासन को भेज दी थी। इसके बाद अंतिम जीएडी (जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग) को सेतु निगम और रेलवे के अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर मंजूरी दे दी है।
रेलवे के मंडल अभियंता गौरव लूनिवाल ने बताया कि रेलवे ने साल 2013-14 में ही आरओबी के लिए पहल कर दी थी। अब सभी दिक्कतें दूर हो गई हैं। जीएडी पर हस्ताक्षर हो गए हैं, अब जल्द ही रेलवे अपने हिस्से का टेंडर इलाहाबाद में करेगा। जमीन अधिग्रहण और कुछ सर्वे बाकी है, जिसे दिसंबर में पूर्ण कर लिया जाएगा। जनवरी में निर्माण कार्य शुरू होने की पूरी उम्मीद है। आरओबी बनने के बाद फाटक बंद कर दिया जाएगा।