भरथना। नव चेतना मंच भरथना के तत्वावधान में वृद्धाश्रम में प्रवासियों को कंबल भेंट किए गए। कवियों ने कविता पाठ भी किया। एक गेस्ट हाउस में आयोजित कवि सम्मेलन में बाल कवयित्री अपराजिता सिंह ने मां सरस्वती की वंदना कर घोर अभावों के जीवन में सौ हीरे जड़ जाएंगे, तुम चाहो तो वृद्धाश्रम में ताले पड़ जाएंगे... का पाठ कर आज की युवा पीढ़ी को बुजुर्गों के प्रति संदेश दिया। गजलकार अशोक यादव ने हमारे देश मे माता-पिता भगवान होते हैं-किसी भी हाल में उनसे दूर मत होना, मुक्तक... सुनाकर अन्य गजलों का पाठ कर खूब वाह वाही बटोरी। घिरोर से आए सतीश मधुप ने दुकानें मंदिर हुआ करती थी वो युग हमने देखा है, बदले युग मे मंदिर को दुकान बनाकर बैठे हैं... सहित अन्य कविताओं का पाठ कर तालियां बटोरी। हास्यकवि लटूरी सिंह ने कवि को जिंदा चाहिए अपना अगर बजूद, सदा छाछ को छाछ लिख और दूध को दूध के अलावा... हास्य कविताएं सुनाकर लोगों को लोटपोट कर दिया। कवि सम्मेलन में अवनीश त्रिपाठी, प्रदीप पंचम, रोहित चौधरी, अरविंद योगी, श्रीराम राही आदि ने भी काव्य पाठ किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता नरेश सिंह भदौरिया व संचालन कवि अनिल दीक्षित ने किया। इससे पहले नव चेतना मंच भरथना के संरक्षक डॉ. आईपी पांडेय, अध्यक्ष अशोक यादव, महासचिव अनिल दीक्षित, उपाध्यक्ष मनोज यादव बंटी, वीरेंद्र चौहान आदि ने करीब 50 महिला-पुरुष प्रवासियों को कंबल भेंट किए। पूर्व सांसद प्रदीप यादव, नपाध्यक्ष हाकिम सिंह, महावीर सिंह चौधरी, करुणा शंकर दुबे, सुबोध दीक्षित सहित कई श्रोताओं की मौजूदगी रही।
भरथना। नव चेतना मंच भरथना के तत्वावधान में वृद्धाश्रम में प्रवासियों को कंबल भेंट किए गए। कवियों ने कविता पाठ भी किया।
विज्ञापन
एक गेस्ट हाउस में आयोजित कवि सम्मेलन में बाल कवयित्री अपराजिता सिंह ने मां सरस्वती की वंदना कर घोर अभावों के जीवन में सौ हीरे जड़ जाएंगे, तुम चाहो तो वृद्धाश्रम में ताले पड़ जाएंगे... का पाठ कर आज की युवा पीढ़ी को बुजुर्गों के प्रति संदेश दिया। गजलकार अशोक यादव ने हमारे देश मे माता-पिता भगवान होते हैं-किसी भी हाल में उनसे दूर मत होना, मुक्तक... सुनाकर अन्य गजलों का पाठ कर खूब वाह वाही बटोरी। घिरोर से आए सतीश मधुप ने दुकानें मंदिर हुआ करती थी वो युग हमने देखा है, बदले युग मे मंदिर को दुकान बनाकर बैठे हैं... सहित अन्य कविताओं का पाठ कर तालियां बटोरी। हास्यकवि लटूरी सिंह ने कवि को जिंदा चाहिए अपना अगर बजूद, सदा छाछ को छाछ लिख और दूध को दूध के अलावा... हास्य कविताएं सुनाकर लोगों को लोटपोट कर दिया। कवि सम्मेलन में अवनीश त्रिपाठी, प्रदीप पंचम, रोहित चौधरी, अरविंद योगी, श्रीराम राही आदि ने भी काव्य पाठ किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता नरेश सिंह भदौरिया व संचालन कवि अनिल दीक्षित ने किया। इससे पहले नव चेतना मंच भरथना के संरक्षक डॉ. आईपी पांडेय, अध्यक्ष अशोक यादव, महासचिव अनिल दीक्षित, उपाध्यक्ष मनोज यादव बंटी, वीरेंद्र चौहान आदि ने करीब 50 महिला-पुरुष प्रवासियों को कंबल भेंट किए। पूर्व सांसद प्रदीप यादव, नपाध्यक्ष हाकिम सिंह, महावीर सिंह चौधरी, करुणा शंकर दुबे, सुबोध दीक्षित सहित कई श्रोताओं की मौजूदगी रही।
अमर उजाला की खबरों को फेसबुक पर पाने के लिए लाइक करें
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
11 दिसंबर 1922... इसी तारीख को दिलीप कुमार का जन्म हुआ था। दिलीप कुमार के फिल्मी करियर की बात करें तो उन्हें एक से बढ़कर एक फिल्में दीं। वहीं अगर उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें तो उनकी असल जिंदगी भी किसी फिल्म से कम नहीं थी।
अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।