इटावा। बिना स्ट्रारीपर लगाए कंबाइन मशीन से धान की कटाई नहीं की जा सकती है। जो किसान धान की कटाई करा चुके हैं वे पराली जलाने की बजाए खेतों मेें मल्चर, रिवर्सेल, एमबी प्लाऊ, श्रब मास्टर और रोटरी श्लेसर यंत्र में किसी एक यंत्र से जोताई कर दें। इससे खाद बन जाएगी।
जिलाधिकारी जेबी सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण(एनजीटी) के निर्देशानुसार खेतों में पराली जलाना दंडनीय अपराध है। दो एकड़ तक फसल पराली जलाने पर 2500, दो से पांच एकड़ तक 5000 और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में 15000 का जुर्माना होगा।
कंबाइन से कटे खेतों और पराली जले खेतों को चिह्नित करने व पराली जलाने वालों पर निगाह रखने के लिए सभी तहसीलों में एसडीएम की अध्यक्षता में राजस्व, पुलिस और कृषि विभाग के अधिकारियों की टीमें बनाई गईं हैं। ये टीमें पराली जलाने वालों पर जुर्माना समेत नियमानुसार अन्य कार्रवाई करेंगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि जहरीली गैसों का उत्सर्जन होने से वायु प्रदूषित हो रह है। इससे सांस संबंधी संक्रमण का खतरा लोगों में ज्यादातर बच्चों में बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। किसान फसल अवशेष जलाने के बजाय उसको जमीन में सड़ा कर कंपोस्ट खाद तैयार कर लें।
फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से खेत में कार्बनिक पदार्थ बढ़ते हैं जिससे मिट्टी के सूक्ष्म जीवों की सक्रियता बढ़ जाती है। भूमि की उर्वरा शक्ति में भी वृद्धि होती है। जो किसानों के लिए लाभदायक है।
धान की फसल की कटाई के बाद हैपी सीडर, सुपर सीडर एवं जीरो टिल सीडिड्रिल से गेहूं की फसल की बुआई करने से गेहूं की पैदावार में वृद्धि होती है। साथ ही साथ फसल में पानी व खरतवार नाशक दवाइयों की आवश्यकता कम पड़ती है।
इटावा। बिना स्ट्रारीपर लगाए कंबाइन मशीन से धान की कटाई नहीं की जा सकती है। जो किसान धान की कटाई करा चुके हैं वे पराली जलाने की बजाए खेतों मेें मल्चर, रिवर्सेल, एमबी प्लाऊ, श्रब मास्टर और रोटरी श्लेसर यंत्र में किसी एक यंत्र से जोताई कर दें। इससे खाद बन जाएगी।
जिलाधिकारी जेबी सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण(एनजीटी) के निर्देशानुसार खेतों में पराली जलाना दंडनीय अपराध है। दो एकड़ तक फसल पराली जलाने पर 2500, दो से पांच एकड़ तक 5000 और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में 15000 का जुर्माना होगा।
कंबाइन से कटे खेतों और पराली जले खेतों को चिह्नित करने व पराली जलाने वालों पर निगाह रखने के लिए सभी तहसीलों में एसडीएम की अध्यक्षता में राजस्व, पुलिस और कृषि विभाग के अधिकारियों की टीमें बनाई गईं हैं। ये टीमें पराली जलाने वालों पर जुर्माना समेत नियमानुसार अन्य कार्रवाई करेंगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि जहरीली गैसों का उत्सर्जन होने से वायु प्रदूषित हो रह है। इससे सांस संबंधी संक्रमण का खतरा लोगों में ज्यादातर बच्चों में बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। किसान फसल अवशेष जलाने के बजाय उसको जमीन में सड़ा कर कंपोस्ट खाद तैयार कर लें।
फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से खेत में कार्बनिक पदार्थ बढ़ते हैं जिससे मिट्टी के सूक्ष्म जीवों की सक्रियता बढ़ जाती है। भूमि की उर्वरा शक्ति में भी वृद्धि होती है। जो किसानों के लिए लाभदायक है।
धान की फसल की कटाई के बाद हैपी सीडर, सुपर सीडर एवं जीरो टिल सीडिड्रिल से गेहूं की फसल की बुआई करने से गेहूं की पैदावार में वृद्धि होती है। साथ ही साथ फसल में पानी व खरतवार नाशक दवाइयों की आवश्यकता कम पड़ती है।