चकरनगर (इटावा)। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पारपट्टी क्षेत्र के साथ लगातार उपेक्षात्मक रवैया अपनाया जा रहा है। इसी कारण यहां के दो चिकित्सालयाें में से किसी में भी न तो कोई चिकित्साधिकारी है और न ही दवाईयां। इन चिकित्सालयों के दरवाजों पर ताला लटका रहता है। जिस कारण आने वाले मरीज ताला देख कर ही वापस हो जाते हैं। लाखों रुपयों से बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरौली की गढ़िया वर्षों से सफेद हाथी बना खड़ा है, जिसका यहां की जनता को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जिले के सबसे पिछड़े विकास खंड चकरनगर में कहने को तो दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। एक उच्चीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं तीन आयुर्वेदिक चिकित्सालय संचालित है। परंतु उच्चीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गढ़ाकास्दा एवं आयुर्वेदिक चिकित्सालय चकरनगर को छोड़कर शेष अस्पतालों में ताला ही लटका रहता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरौली गढिया में तो यह आलम है कि अस्पताल परिसर में इतनी झाड़ी हो गई है कि वहां पर मरीजों के स्थान पर सर्पों एवं बिच्छुओं का आवागमन शुरू हो गया है। यहीं स्थिति आयुर्वेदिक चिकित्सालय पिपरौली गढिया एवं सहानों की है। यहां पर भी महीनों से अस्पतालों के ताले नहीं खुले हैं जिस कारण जनता को इलाज के लिए हनुमंतपुरा चौराहे एवं भिंड जाना पड़ता है।
मुख्यमंत्री का जनपद होने के बावजूद भी इस क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। सपा नेता जसवंत सिंह सेंगर, ब्लाक सपा अध्यक्ष मुन्ना सिंह राजावत, सपा जिला कार्य समिति सदस्य राजेश सिंह उर्फ झब्बू यादव, नगर सपा अध्यक्ष सतीश चंद्र यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख पूरनमल दिवाकर ने अस्पतालों के न खुलने पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी से मांग की है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरौली गढिया में तत्काल चिकित्साधिकारी सहित अन्य कर्मचारियों की तैनाती की जाए ताकि पारपट्टी क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकें।
चकरनगर (इटावा)। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पारपट्टी क्षेत्र के साथ लगातार उपेक्षात्मक रवैया अपनाया जा रहा है। इसी कारण यहां के दो चिकित्सालयाें में से किसी में भी न तो कोई चिकित्साधिकारी है और न ही दवाईयां। इन चिकित्सालयों के दरवाजों पर ताला लटका रहता है। जिस कारण आने वाले मरीज ताला देख कर ही वापस हो जाते हैं। लाखों रुपयों से बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरौली की गढ़िया वर्षों से सफेद हाथी बना खड़ा है, जिसका यहां की जनता को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जिले के सबसे पिछड़े विकास खंड चकरनगर में कहने को तो दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। एक उच्चीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं तीन आयुर्वेदिक चिकित्सालय संचालित है। परंतु उच्चीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गढ़ाकास्दा एवं आयुर्वेदिक चिकित्सालय चकरनगर को छोड़कर शेष अस्पतालों में ताला ही लटका रहता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरौली गढिया में तो यह आलम है कि अस्पताल परिसर में इतनी झाड़ी हो गई है कि वहां पर मरीजों के स्थान पर सर्पों एवं बिच्छुओं का आवागमन शुरू हो गया है। यहीं स्थिति आयुर्वेदिक चिकित्सालय पिपरौली गढिया एवं सहानों की है। यहां पर भी महीनों से अस्पतालों के ताले नहीं खुले हैं जिस कारण जनता को इलाज के लिए हनुमंतपुरा चौराहे एवं भिंड जाना पड़ता है।
मुख्यमंत्री का जनपद होने के बावजूद भी इस क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। सपा नेता जसवंत सिंह सेंगर, ब्लाक सपा अध्यक्ष मुन्ना सिंह राजावत, सपा जिला कार्य समिति सदस्य राजेश सिंह उर्फ झब्बू यादव, नगर सपा अध्यक्ष सतीश चंद्र यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख पूरनमल दिवाकर ने अस्पतालों के न खुलने पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी से मांग की है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरौली गढिया में तत्काल चिकित्साधिकारी सहित अन्य कर्मचारियों की तैनाती की जाए ताकि पारपट्टी क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकें।