लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Etawah News ›   बीहड़ में शेरों की धमाचौकड़ी का रास्ता साफ

बीहड़ में शेरों की धमाचौकड़ी का रास्ता साफ

Etawah Updated Sat, 02 Jun 2012 12:00 PM IST
इटावा। कुख्यात डाकुओं की शरणस्थली के रूप में बदनाम रही चंबल घाटी को अब देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आबाद करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। इटावा लायन सफारी सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की देन है। वर्ष 2005 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में मुलायम सिंह ने एशियाटिक लायन (भारतीय शेर) को चंबल सेंचुरी क्षेत्र के बीहड़ में संरक्षण देने की परियोजना बनाई थी। इसके लिए करीब एक करोड़ रुपया आवंटित किया गया था। 2007 में मुख्यमंत्री मायावती ने सत्ता में आते ही इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब फिर सपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। शुक्रवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए उन्होंने इटावा लायन सफारी प्रोजेक्ट के लिए पांच करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की है। चंबल इलाके में काबिज होने वाला यह लायन सफारी अपने आप में प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट है।

वह दिन दूर नहीं जब आप आंध्र प्रदेश के नेहरू जूलॉजिकल पार्क, केरला के पराम्बिकुलम वाइल्ड लाइव सफारी और गुजरात के गिर के जंगलों की तरह अपने इटावा में बंद गाड़ी के अंदर दहाड़ते शेरों को देखेंगे। इटावा-ग्वालियर मार्ग पर यमुना और चंबल के बीहड़ में स्थित फिशर फारेस्ट में प्रस्तावित इटावा लायन सफारी प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू हो गया है। वन विभाग की टीम लगातार इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटी है। लायन सफारी के लिए फिशर फारेस्ट के 150 हेक्टेयर क्षेत्र को चिह्नित कर चारों तरफ से प्रोजेक्ट के नाम के स्तंभ लगा दिए हैं। वाइल्ड लाइफ अथारिटी आफ इंडिया से अनुमति के लिए नए सिरे से मास्टर प्लान तैयार किया गया है। दूसरे प्रदेशों से आने वाले शेरों को वैसा ही माहौल देने के लिए नक्शा भी तैयार हो चुका है। वानिकी विभाग के अफसरों के मुताबिक करीब एक साल में लायन सफारी का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया जाएगा। उसके बाद यहां शेरों की ब्रीडिंग कराई जाएगी।

दो शेर और तीन शेरनी लाने की योजना
इटावा लायन सफारी को फिलहाल दो शेर और तीन शेरनी के लिए तैयार किया जा रहा है। अभी तक की कवायद के मुताबिक ये शेर गुजरात के जंगलों से लाए जाएंगे। हालांकि अभी तक इसकी मंजूरी नहीं मिली है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नक्शे के मुताबिक जल्द ही फिशर फारेस्ट में तब्दीलियां शुरू कर दी जाएंगी। पहले चरण में यहां शेरों के लिए प्रजनन केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए भारतीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से मानक संबंधी दिशा-निर्देश मिल चुके हैं। एक जंगल से दूसरे जंगल में अचानक छोड़ने से शेर उस माहौल के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाते। इस कारण प्रजनन के बाद नव शावकों को ही सफारी में छोड़ा जाएगा। माना जा रहा है कि गिर के जंगलों की भांति इसे विकसित किया जाएगा। सफारी क्षेत्र को चिह्नित कर स्तंभ लगा दिए गए हैं। सफाई का काम शुरू हो चुका है।
रिवाइज होगा बजट
चंबल सेंचुरी क्षेत्र के डीएफओ सुजॉय बनर्जी के मुताबिक इटावा लायन सफारी प्रोजेक्ट का बजट वर्ष 2006 में बनाया गया था। तब पांच करोड़ रुपए इस प्रोजेक्ट के लिए निर्धारित किए गए थे। इस प्रोजेक्ट को छह साल बीत गए हैं। इस कारण इटावा लायन सफारी का बजट रिवाइज होगा। अनुमान के मुताबिक इसको विकसित करने में 10 से 12 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। रिवाइज बजट तैयार कर जल्द ही रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसके अलावा इस क्षेत्र को पर्यटन के नजरिए से भी विकसित करना है। देश विदेश में आने वाले पर्यटकों के लिए सफारी भ्रमण और ठहरने की भी व्यवस्था करवाई जाएगी।
सफारी क्षेत्र जाने को तैयार किया रास्ता
फिशर फारेस्ट में बन रहे लायन सफारी तक पहुंचने के लिए वन विभाग की ओर से रास्ता तैयार कर दिया गया है। इटावा-ग्वालियर हाइवे के पास कचौरा रोड पर लायन सफारी प्रोजेक्ट का बोर्ड भी लगा दिया गया है। इसके साथ ही यहां रोजाना वन विभाग और पर्यटन विभाग के अफसरों का दौरा चल रहा है। क्षेत्र के सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है। वाइल्ड लाइफ अथारिटी आफ इंडिया से अनुमति मिलते ही यहां व्यापक पैमाने पर काम शुरू होगा।
क्या है फिशर फारेस्ट
इटावा मुख्यालय से करीब 8 किमी दूर स्थित फिशर वन इटावा में आजादी से पहले अंग्रेजों की शिकारगाह थी। यहां के राजा-महाराजा अंग्रेजों को खुश रखने के लिए हिरन, सांभर, चीतल व तेंदुए छोड़कर उनसे शिकार करवाते थे। शिकार के शौकीन अंग्रेज इससे खुश होते थे और जानवरों का मांस पकाकर यहां जशभन मनाया जाता था। इसके अलावा इस इलाके में पानी रोकने के लिए बड़ा बांध बनाया गया था। अब यह बांध पूरी तरह टूट चुका है। यह क्षेत्र शीशम के पेड़ की बहुतायत की वजह से भी जाना जाता था। वन माफियाओं ने यहां से शीशम के पेड़ों को उजाड़ दिया। 1888 में इटावा के कलक्टर रहे जेएफ फिशर के नाम से इसका नाम फिशर फारेस्ट पड़ा।
विज्ञापन
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इटावा में लायन सफारी क्षेत्र स्थापित होने से रोजगार विहीन हो चुके जिले में फिर से जान आ जाएगी। माना जा रहा है सफारी क्षेत्र के भ्रमण के लिए यहां देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों का तांता लगेगा। आगरा नजदीक होने से भी इटावा को लाभ मिलेगा। ताजमहल देखने को आगरा आने वाले लोग इटावा में लायन सफारी का लुफ्त जरूर उठाएंगे। इससे इटावा में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed