सैंफई (इटावा)। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान की तरफ से जन जागरूकता अभियान के तहत हुई गोष्ठी में लोगों को तंबाकू व धूम्रपान के दुष्परिणामों के बारे में बताया गया। गोष्ठी का उद्घाटन संस्थान के निदेशक एवं पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ चिकित्सक प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि तंबाकू कैंसर जैसी घातक बीमारी को जन्म देती है। आज के दिन हम सभी तंबाकू के प्रयोग के खिलाफ ऐसा माहौल तैयार करें जिससे लोग अधिक से अधिक तंबाकू, धूम्रपान और नशीले पदार्थ का सेवन करने से अपने को रोकें। उन्होंने संस्थान के पूरे परिसर को आने वाले समय में नो टोबैको जोन के रूप में घोषित करने की बात कही। उन्होंने तंबाकू छोड़ने के तरीके भी बताए।
मनोचिकित्सा विभाग के डा. एके पांडेय ने कहा कि धूम्रपान से बचने तथा इससे मुक्ति पाने को धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक की सलाह लेकर इलाज शुरू कर अपने आहार में सुधार लाना चाहिए। उसे अपने भोजन में एंटीऑक्सीडेंट युक्त फलों और सब्जियों का सेवन खूब करना चाहिए। चिकित्सक के परामर्श से धूम्रपान छोड़ने के लिए च्यूइंगम, स्प्रे और इनहेलर जैसी चीजों का सेवन भी किया जा सकता है।
कार्यक्रम में सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मेजर जनरल पी राव, विभागाध्यक्ष मेडिसिन प्रो. पीएस सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डा. मेजर जनरल एचएस गुलेरिया, न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डा. रमाकांत यादव, डेंटल के डा. विकास वर्मा आदि ने तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों की जानकारी उपस्थित लोगों को दी।
सैंफई (इटावा)। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान की तरफ से जन जागरूकता अभियान के तहत हुई गोष्ठी में लोगों को तंबाकू व धूम्रपान के दुष्परिणामों के बारे में बताया गया। गोष्ठी का उद्घाटन संस्थान के निदेशक एवं पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ चिकित्सक प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि तंबाकू कैंसर जैसी घातक बीमारी को जन्म देती है। आज के दिन हम सभी तंबाकू के प्रयोग के खिलाफ ऐसा माहौल तैयार करें जिससे लोग अधिक से अधिक तंबाकू, धूम्रपान और नशीले पदार्थ का सेवन करने से अपने को रोकें। उन्होंने संस्थान के पूरे परिसर को आने वाले समय में नो टोबैको जोन के रूप में घोषित करने की बात कही। उन्होंने तंबाकू छोड़ने के तरीके भी बताए।
मनोचिकित्सा विभाग के डा. एके पांडेय ने कहा कि धूम्रपान से बचने तथा इससे मुक्ति पाने को धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक की सलाह लेकर इलाज शुरू कर अपने आहार में सुधार लाना चाहिए। उसे अपने भोजन में एंटीऑक्सीडेंट युक्त फलों और सब्जियों का सेवन खूब करना चाहिए। चिकित्सक के परामर्श से धूम्रपान छोड़ने के लिए च्यूइंगम, स्प्रे और इनहेलर जैसी चीजों का सेवन भी किया जा सकता है।
कार्यक्रम में सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मेजर जनरल पी राव, विभागाध्यक्ष मेडिसिन प्रो. पीएस सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डा. मेजर जनरल एचएस गुलेरिया, न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डा. रमाकांत यादव, डेंटल के डा. विकास वर्मा आदि ने तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों की जानकारी उपस्थित लोगों को दी।