इटावा। यमुना बचाओ आंदोलन से जुड़े रहे केंद्रीय समाज सेवा समिति के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य बाबू दर्शन सिंह ने बुधवार को यमुना नदी के साथ यमुना एक्शन प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने जल शोधन के तरीके व ट्रीटमेंट किए गए पानी के बारे में जानकारी ली। यमुना में गंदगी पर उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि नदियों में दूषित जल को लेकर केंद्र सरकार अनदेखी कर रही है। यमुना पर कार्ययोजना बनाकर संसद में रखी जाएगी। प्रदेश सरकार का भी ध्यान आकृष्ट किया जाएगा।
यमुना में गंदगी देखकर वे विचलित हुए और कहा कि यमुना सहित अन्य सभी नदियों को स्वच्छ रखने की हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। प्रदूषण की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार को कोई ठोस रणनीति बनानी चाहिए। उन्होंने बिना शोधित जल के यमुना में सीधे जाने पर नाराजगी जताई। निरीक्षण के समय मौजूद यमुना प्रदूषण बोर्ड के जनरल मैनेजर एनके त्यागी ने उन्हें बताया कि शहर से हररोज 24 एमएलडी पानी नालों से आ रहा है। जबकि एक्शन प्लांट में 10.5 एमएलडी पानी की प्रतिदिन शोधित करने की क्षमता है। यही कारण है कि करीब 13.5 एमएलडी गंदा पानी सीधे यमुना में जा रहा है। उन्होंने कहा कि उमरैन प्लांट के शुरू होते ही गंदा पानी यमुना में जाना बंद हो जाएगा। निरीक्षण के समय यमुना एक्शन प्लांट के प्रोजेक्ट इंजीनियर डीके दोहरे, जेई हरीशरण त्रिपाठी के साथ बाबा रतन चौधरी, लालजी बाबा योगीराज, नरेश कुमार वर्मा, पुजारी, मुकेश वर्मा, अरुण मोहन चौधरी आदि उपस्थित रहे।