इटावा। समाज कल्याण व प्रोबेशन दफ्तर में फरियादियों की सुनवाई न होने की लगातार शिकायतों के बाद जिलाधिकारी पी. गुरुप्रसाद ने सोमवार को इन दोनों दफ्तरों का औचक निरीक्षण किया। दोनों दफ्तरों के बाहर फरियादियों की भीड़ देखकर अफसरों पर जमकर बरसे। सभी की फरियाद सुनी और उनके निस्तारण का आश्वासन दिया। उसके बाद दफ्तरों का रिकार्ड चेक किया। प्रोबेशन दफ्तर में कंप्यूटराइज्ड रिकार्ड नहीं मिलने व अलमारियों की चाबी दफ्तर में नहीं होने पर प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी को डांट लगाई। हिदायत दी कि दफ्तर के बाहर फरियादियों की लाइन दिखी तो ठीक नहीं होगा। हर फरियादी की समस्या का समय पर निस्तारण हो। फरियादियों की सुनवाई नहीं होने की समस्या पर अमर उजाला ने 15 मई को लाइव रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
समाज कल्याण अधिकारी का दफ्तर
डीएम पी. गुरुप्रसाद सुबह सवा दस बजे समाज कल्याण अधिकारी के दफ्तर पहुंच गए। दफ्तर के बाहर फरियादियों की भीड़ लगी थी, जबकि अफसर अंदर किसी अन्य काम में व्यस्त थे। डीएम यहां पहुंचे तो दफ्तर के बाहर फरियादियों की भीड़ जमा थी। इस पर नाराजगी जताई। इसके बाद खुद ही समस्या सुनने लगे। इसके बाद समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिया कि टेबल कुर्सी डालकर एक कर्मचारी बाहर ही बैठे और प्रार्थना पत्र ले। इसकी इंट्री भी दर्ज की जाए। इसके बाद डीएम ने कार्यालय का रिकार्ड चेक किया। समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिया कि फरियादियों की समस्या का तत्काल समाधान करवाएं।
प्रोबेशन अधिकारी का दफ्तर
करीब 10 मिनट बाद डीएम प्रभारी प्रोबेशन अधिकारी आकांक्षा अग्रवाल के दफ्तर पहुंचे। फरियादियों की समस्या सुनने के लिए शिकायती रजिस्टर मांगा तो नहीं मिला। कंप्यूटराइज्ड रिकार्ड के बारे में पूछा तो वह भी नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने अलमारी में रखे अन्य रिकार्ड की जानकारी मांगी तो चाबी नहीं मिली। इस पर डीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने दो टूक कहा कि चाबी दफ्तर में होनी चाहिए या घर पर ? इसके बाद उन्होंने हिदायत दी कि किसी भी समस्या के निस्तारण के लिए फरियादी से चक्कर न लगवाए जाएं। डीएम के जाने के बाद दोनों दफ्तरों में महामाया पेंशन की 16, वृद्धावस्था पेंशन की चार, छात्रवृत्ति की दो शादी अनुदान की एक समस्या का निस्तारण किया गया।