इटावा। ब्लड कैंसर से पीड़ित कृषि इंजीनियरिंग कालेज का छात्र लव जोशी आखिर मौत से हार गया। करीब एक माह से पीजीआई लखनऊ में भर्ती इस छात्र ने रविवार को दम तोड़ दिया। लव की मौत की खबर से उत्तेजित कालेज के छात्रों ने सोमवार को जमकर हंगामा काटा। उनका आरोप था कि उसके इलाज के प्रति कालेज प्रशासन ने लापरवाही बरती। इन छात्रों ने पहले ही कालेज प्रशासन से अपनी कॉसन मनी से एक एक हजार रुपए पीड़ित छात्र को दिलवाने का अनुरोध किया था।
बताते चलें कि कृषि इंजीनियरिंग कालेज में कृषि इंजीनियरिग के चौथे सेमेस्टर का छात्र लव जोशी काफी समय से बीमार था। 24 अप्रैल को उसका चेकअप पीजीआई लखनऊ में हुआ तो उसको ब्लड कैंसर निकला। छात्र गरीब परिवार से था और उसके इलाज में डाक्टरों ने करीब 8-10 लाख का खर्चा बताया था। उसके इलाज के लिए कालेज के छात्रों ने दो लाख 31 हजार रुपए चंदे से जुटाने के साथ अपनी कासन मनी से एक-एक हजार रुपए देने की पेशकश की थी। यह रकम मिल नहीं सकी। आखिर लव ने रविवार को दम तोड़ दिया।
लव की मौत की खबर होते ही कालेज के छात्रों में शोक के साथ कालेज प्रशासन के खिलाफ आक्रोश भी भड़क गया। सोमवार को सभी छात्र छात्राओं ने कालेज के प्रशासनिक भवन के बाहर जमकर हंगामा काटा। छात्रों का आरोप था कि कालेज प्रशासन ने उसके इलाज के प्रति गंभीरता नहीं बरती। उनका कहना था कि चंदा मांगकर करीब दो लाख 31 हजार रुपए जुटा लिए थे। चूंकि इलाज में काफी खर्च होना था इसलिए हम छात्रों ने अपनी कॉशन मनी से एक एक हजार रुपए देने को अपना सहमति पत्र कालेज प्रशासन को दिया था। यह धनराशि विश्वविद्यालय स्तर से मिलनी थी लेकिन इसके लिए प्रयास कालेज प्रशासन को करना था जिसमें उसने लापरवाही बरती।
हंगामे की जानकारी पर कालेज स्टाफ मौके पर पहुंचा और उन्होंने छात्रों को समझाने का प्रयास किया। बाद में सिविललाइन थानाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह मय फोर्स के पहुंचे और उन्होंने छात्रों को शांत किया। साथ ही प्रभारी डीन डीके चतुर्वेदी ने आश्वासन दिया कि वह तुरंत ही कॉशन की फाइल तैयार कर विश्वविद्यालय प्रशासन को भेज देंगे।
टूट गया परिवार
लव जोशी की मौत से उसका परिवार पूरी तरह से टूट गया है। छात्रों ने बताया कि लव के परिवार में उसकी शादी योग्य बहनें हैं। उसकी मौत से बहनों की शादी का संकट हो गया है। छात्रों ने मांग उठाई कि कालेज प्रशासन कॉशन मनी संबंधित फाइल पर अब भी कार्यवाही करके उसके परिवार को आर्थिक सहायता दिला दे तो उसकी बहनों की शादियां समय से हो जाएंगी।
डीन के अवकाश पर होने से रुकी कार्यवाही
प्रभारी डीन डीके चतुर्वेदी का कहना रहा कि वह तो सीनियर होने के कारण प्रभारी है। विश्व विद्यालय स्तर पर कार्यवाही डीन को ही करनी थी। उनके अवकाश पर होने के कारण ही फाइल आगे नहीं चल सकी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति से बात की है। अब वह आज ही फाइल को भिजवा देंगे।
शासन से भी लगाई थी गुहार
कृषि इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों ने शासन से भी आर्थिक सहायता दिलाए जाने की गुहार लगाई थी। इस संबंध में छात्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपे थे लेकिन कोई मदद नहीं मिल सकी।