इटावा। आने वाले समय में शहरवासियों को नीर के लिए पीर नहीं सहनी होगी। पेयजल किल्लत दूर करने के लिए जल निगम ने कार्य योजना तैयार कर प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। 124 करोड़ रुपए की लागत के इस प्रोजेक्ट को स्थानीय अधिकारी पहले ही सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव के सामने रख चुके हैं। उनके द्वारा मौखिक स्वीकृति भी दे दी गई थी। इस योजना के तहत पेयजल आपूर्ति के लिए शहर में 17 नए वाटर टैंक, 24 नए नलकूप, एक सीडब्लूआर के साथ शहर को कुल 13 जोनों में बांटा गया है। पेयजल सप्लाई के लिए नव विकसित क्षेत्रों सहित शहर में 258 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जाएगी। स्वीकृति मिलने के बाद पूरा प्रोजेक्ट तैयार करने में दो वर्ष का समय लगेगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर प्रोजेक्ट के हिसाब से कार्य हुआ तो आने वाले 50 वर्षों तक शहर में पानी की किल्लत नहीं होगी।
इस प्रोजेक्ट में जलनिगम अष्टम खंड ने पूरे शहर को शामिल किया है। शहर को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक हिस्से में लाइनपार क्षेत्र को दूसरे हिस्से में बाकी शहर शामिल है। लाइनपार क्षेत्र में 35.9 करोड़ रुपए की लागत से तीन पानी की टंकियां बनाईं जाएंगी। इसी तरह पानी सप्लाई के लिए 100 एमएम से 400 एमएम तक मोटी लोहे की 90 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जाएगी। शांति कालोनी में 1050 किलो लीटर क्षमता का एक सीडब्लूआर (भूमिगत जलाशय) बनेगा। लाइन के इस पार शेष शहर में 88.13 करोड़ रुपए की लागत से 14 नए वाटर टैंक, 16 नलकूप के साथ 168.5 किलीमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी।
13 जोनों में बटेगा शहर
प्रोजेक्ट के हिसाब से टंकियां व ट्यूबवेल स्थापित होने के बाद शहर को 13 जोन सहित 27 सब जोनों में बांटा जाएगा। जोन में बांटने का उद्देश्य हर मोहल्ले में सुचारु रूप से निर्बाध पेयजल सप्लाई करना है। लाइनपार क्षेत्र में शांति कालोनी, फ्रेंड्स कालोनी, अशोकनगर तीन जोन बनाईं गए हैं। जबकि बाकी शहर में 10 जोन बनाए गए हैं। इनमें दीप टाकीज, जीआईसी, सिविल लाइन, पक्का तालाब, साबितगंज, नगर पालिका, गाड़ीखाना, शाहग्रान, छिपैटी, करनपुरा आदि क्षेत्र शामिल हैं।
क्या होता है सीडब्लूआर
सीडब्लूआर को भूमिगत जलाशय कहते हैं। यह व्यवस्था ऐसे क्षेत्रों में लागू की जाती है जहां पर जलस्तर ज्यादा नीचे है। 1050 किलोलीटर एक सीडब्लूआर में चार नलकूप की जरूरत होती है। एक भूमिगत जलाशय बनाया जाता है। दो नलकूप जमीन से पानी खींच कर जलाशय को भरेंगे और दो नलकूप जलाशय के पानी से वाटरटैंक को भरेंगे।
नवविकसित कालोनी में बिछेगी पाइप लाइन
शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए 258 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। यह पाइप लाइन नवविकसित कालोनी सहित ऐसे स्थानों पर बिछेगी जहां पहले की पाइप लाइन क्षमता से कम मोटी है या फिर क्षतिग्रस्त हो गई है।
प्रस्ताव तैयार करके शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को पहले ही प्रोजेक्ट की जानकारी दी जा चुकी है। प्रस्ताव पास होने एवं काम शुुरू होने की तारीख से प्रोजेक्ट को तैयार होने में दो वर्ष का समय लग जाएगा। इसके बाद कहीं भी पानी की किल्लत नहीं होगी-सत्यप्रकाश झा, सहायक अभियंता, उप्र जल निगम, अष्टम खंड
----