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मिरहची। कस्बा में शासन प्रशासन के आदेश बेअसर हैं। गोरेगरीबा के नाम से आरक्षित कब्रिस्तानों एवं श्मशान भूमि से अतिक्रमण एवं दबंगों का कब्जा नहीं हट रहा है। ऐसे में लोगों को मुर्दे दफनाने एवं दाह संस्कार में परेशानी होती है। कई बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे लोगों में रोष है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कब्रिस्तान एवं श्मशान से अवैध कब्जा हटवाया जाए।
कब्रिस्तान एवं श्मशान भूमि पर दबंगों के कब्जे से हिंदू एवं मुस्लिम समाज के लोगों में रोष है। मोहल्ला तकिया स्थित कब्रिस्तान गोरेगरीबा के चारों ओर बाउंड्रीवाल शासन के आदेश पर भी नहीं बनाई गई है। यहां लोगों ने घोड़े बांध दिए हैं एवं घास, गोबर, लीद के जगह-जगह ढेर लगा दिए हैं। जिससे कब्रों के स्थान पर घूरे के ढेर दिखाई देते हैं। हाजी सूकेखां, अनवार अली, पप्पनखां, लतीफ खां, सलीम शाह, बैजुद्दीन, अब्दुल सलाम, अब्दुल कलाम, जैनुद्दीन एंव सुलेमान खां ने प्रशासन से कब्रिस्तान को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है।
वहीं दाह संस्कार के लिए कई एकड़ भूमि मिरहची में आरक्षित है। यहां दबंगों के कब्जों के चलते शवों के दाह संस्कार रोड के किनारे किए जाते हैं। उप जिलाधिकारी सदर रामशंकर का कहना है कि टीम गठित कराकर कब्रिस्तान एवं श्मशान भूमि को मुक्त कराया जाएगा।
मिरहची। कस्बा में शासन प्रशासन के आदेश बेअसर हैं। गोरेगरीबा के नाम से आरक्षित कब्रिस्तानों एवं श्मशान भूमि से अतिक्रमण एवं दबंगों का कब्जा नहीं हट रहा है। ऐसे में लोगों को मुर्दे दफनाने एवं दाह संस्कार में परेशानी होती है। कई बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे लोगों में रोष है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कब्रिस्तान एवं श्मशान से अवैध कब्जा हटवाया जाए।
कब्रिस्तान एवं श्मशान भूमि पर दबंगों के कब्जे से हिंदू एवं मुस्लिम समाज के लोगों में रोष है। मोहल्ला तकिया स्थित कब्रिस्तान गोरेगरीबा के चारों ओर बाउंड्रीवाल शासन के आदेश पर भी नहीं बनाई गई है। यहां लोगों ने घोड़े बांध दिए हैं एवं घास, गोबर, लीद के जगह-जगह ढेर लगा दिए हैं। जिससे कब्रों के स्थान पर घूरे के ढेर दिखाई देते हैं। हाजी सूकेखां, अनवार अली, पप्पनखां, लतीफ खां, सलीम शाह, बैजुद्दीन, अब्दुल सलाम, अब्दुल कलाम, जैनुद्दीन एंव सुलेमान खां ने प्रशासन से कब्रिस्तान को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है।
वहीं दाह संस्कार के लिए कई एकड़ भूमि मिरहची में आरक्षित है। यहां दबंगों के कब्जों के चलते शवों के दाह संस्कार रोड के किनारे किए जाते हैं। उप जिलाधिकारी सदर रामशंकर का कहना है कि टीम गठित कराकर कब्रिस्तान एवं श्मशान भूमि को मुक्त कराया जाएगा।