एटा। भारत निर्मल योजना जनपद में दम तोड़ती हुई नजर आ रही है। योजना के अंतर्गत स्वच्छ शौचालयों का निर्माण नहीं हो सका है। बजट के अभाव में इस योजना को पलीता लग रहा है।
शासन स्तर से शुष्क शौचालयों को ध्वस्त कराते हुए उनके स्थान पर स्वच्छ शौचालयों को बनवाने का बीड़ा उठाया था। शासन ने इस कार्य के लिए भारत निर्मल योजना का भी गठन किया था। लेकिन इस समय जनपद में यह योजना दम तोड़ती हुई नजर आ रही है। भारत निर्मल योजना के अंतर्गत आठ हजार एक सौ बीस स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कराया जाना निर्धारित किया गया है। लेकिन योजना के लागू होने के काफी दिन बीत जाने के बाद भी एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है।
स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कार्य न हो पाने के चलते शासन स्तर से गंदगी मुक्त गांव को रखने का दावा भी झूठा साबित हो रहा है। वहीं, गांव हरनावली, कंसुरी, ककरावली आदि गांवों के लोगों का कहना है कि शासन ने उनके शुष्क शौचालयों को तो ध्वस्त करा दिया। लेकिन इनके स्थान पर स्वच्छ शौचालयों को न बनाए जाने को लेकर उन्हें अच्छी खासी परेशानियां हो रही हैं। इसी क्रम में सरकार ने गांव में समग्र विकास के लिए लोहिया समग्र विकास योजना में भी गांव को चिह्नित कराया है। लेकिन इन गांवों में शौचालयों का निर्माण न होने को लेकर समग्र विकास की भी पोल खुल रही है।
शासन से बजट उपलब्ध न कराने को लेकर जनपद में स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया जा सका है। बजट आने पर शीघ्र ही इनका निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
डीपी सरोज डीपीआरओ एटा।
एटा। भारत निर्मल योजना जनपद में दम तोड़ती हुई नजर आ रही है। योजना के अंतर्गत स्वच्छ शौचालयों का निर्माण नहीं हो सका है। बजट के अभाव में इस योजना को पलीता लग रहा है।
शासन स्तर से शुष्क शौचालयों को ध्वस्त कराते हुए उनके स्थान पर स्वच्छ शौचालयों को बनवाने का बीड़ा उठाया था। शासन ने इस कार्य के लिए भारत निर्मल योजना का भी गठन किया था। लेकिन इस समय जनपद में यह योजना दम तोड़ती हुई नजर आ रही है। भारत निर्मल योजना के अंतर्गत आठ हजार एक सौ बीस स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कराया जाना निर्धारित किया गया है। लेकिन योजना के लागू होने के काफी दिन बीत जाने के बाद भी एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है।
स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कार्य न हो पाने के चलते शासन स्तर से गंदगी मुक्त गांव को रखने का दावा भी झूठा साबित हो रहा है। वहीं, गांव हरनावली, कंसुरी, ककरावली आदि गांवों के लोगों का कहना है कि शासन ने उनके शुष्क शौचालयों को तो ध्वस्त करा दिया। लेकिन इनके स्थान पर स्वच्छ शौचालयों को न बनाए जाने को लेकर उन्हें अच्छी खासी परेशानियां हो रही हैं। इसी क्रम में सरकार ने गांव में समग्र विकास के लिए लोहिया समग्र विकास योजना में भी गांव को चिह्नित कराया है। लेकिन इन गांवों में शौचालयों का निर्माण न होने को लेकर समग्र विकास की भी पोल खुल रही है।
शासन से बजट उपलब्ध न कराने को लेकर जनपद में स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया जा सका है। बजट आने पर शीघ्र ही इनका निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
डीपी सरोज डीपीआरओ एटा।