रुद्रपुर। उपनगर रुद्रपुर में भी पहाड़ जैसी त्रासदी की जमीन तैयार होने लगी है। यहां भू माफिया शहरीकरण के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने में लगे हैं। नगर में ताल पोखरों को पाट कर कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। यही नहीं बथुआ नदी का तट भी अब जमीन के सौदागरों से नहीं बचा है। यहां नदी में खंभे गाड़कर बहुमंजिली इमारतें बनाई जा रही हैं।
इस अनियोजित विकास का शहर खामियाजा भी भुगत रहा है लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए कोई सामने नहंी आ रहा। शहर के ताल पोखरियों के पट जाने से हर साल बरसात में नगर के आधा से अधिक मोहल्ले पानी में डूबते हैं। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से ताल, पोखरों को बचाने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा। लालाटोली वार्ड में तीन पोखरी पाट कर पूरी कॉलोनी बसा दी गई। इस वार्ड में बरसात का पानी इन्हीं पोखरियों में निस्तारित होता था। अब इस वार्ड में हल्की बरसात में भी सड़कों पर पानी फैल जाता है। मस्जिद वार्ड में भी पोखरी पाट कर कॉलोनी बसाई जा रही है। उपनगर के 16 वार्डों में छोटी बड़ी करीब 20 पोखरियां थी। जो पटती चली जा रही हैं। लोग पोखरियों को पाट कर मकान बनाने लगे हैं। इस कारण मोहल्ले डूब रहे हैं। पांच साल से सक्रिय भू माफिया पोखरी और गड्ढों को पाट कर प्लाटिंग कर रहे हैं। कौड़ी के मोल बिकने वाली जमीनों को पाट कर उसे मुंहमांगे दामों पर बेचा जा रहा है। बथुआ नदी के दोनों तट पर बड़ी बड़ी इमारतें बन गई है।
लोकायुक्त से करवाएंगे जांच
सपा नेता हरेंद्र सिंह त्यागी रुद्रपुर में अनियोजित विकास पर चिंता जताई। कहा कि ताल और नदी को पाट कर कुछ लोग शहर को आपदा की ओर ले जा रहे हैं। अवैध रुप से विकसित की जाने वाली कॉलोनियों की लोकायुक्त से जांच कराई जाएगी।
भू-माफियों पर कसेगा शिकंजा
एसडीएम डॉ. आरडी पांडेय ने कहा कि निषिद्ध क्षेत्र में कॉलोनी बसाने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने नगर पंचायत को पोखरी पाट कर कॉलोनी बसाने वालों को चिह्नित कर नोटिस देनेे का निर्देश दिया।
जमीनों की दलाली में करोड़ों की कर चोरी
उपनगर में कॉलोनी बसाने वाले सभी अवैध रुप से काम कर रहे हैं। इनके पास कॉलोनाइजर का कोई लाइसेंस नहीं है। शहर में बसने की अंधी दौड़ में लोग मुंहमांगे दाम पर प्लाट खरीद रहे हैं। अवैध कॉलोनियां न तो नगर पंचायत से स्वीकृत हैं और ना ही इनका मानचित्र स्वीकृत है। जमीनों की खरीद फरोख्त में लगे लोग कर चोरी कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं।
रुद्रपुर। उपनगर रुद्रपुर में भी पहाड़ जैसी त्रासदी की जमीन तैयार होने लगी है। यहां भू माफिया शहरीकरण के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने में लगे हैं। नगर में ताल पोखरों को पाट कर कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। यही नहीं बथुआ नदी का तट भी अब जमीन के सौदागरों से नहीं बचा है। यहां नदी में खंभे गाड़कर बहुमंजिली इमारतें बनाई जा रही हैं।
इस अनियोजित विकास का शहर खामियाजा भी भुगत रहा है लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए कोई सामने नहंी आ रहा। शहर के ताल पोखरियों के पट जाने से हर साल बरसात में नगर के आधा से अधिक मोहल्ले पानी में डूबते हैं। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से ताल, पोखरों को बचाने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा। लालाटोली वार्ड में तीन पोखरी पाट कर पूरी कॉलोनी बसा दी गई। इस वार्ड में बरसात का पानी इन्हीं पोखरियों में निस्तारित होता था। अब इस वार्ड में हल्की बरसात में भी सड़कों पर पानी फैल जाता है। मस्जिद वार्ड में भी पोखरी पाट कर कॉलोनी बसाई जा रही है। उपनगर के 16 वार्डों में छोटी बड़ी करीब 20 पोखरियां थी। जो पटती चली जा रही हैं। लोग पोखरियों को पाट कर मकान बनाने लगे हैं। इस कारण मोहल्ले डूब रहे हैं। पांच साल से सक्रिय भू माफिया पोखरी और गड्ढों को पाट कर प्लाटिंग कर रहे हैं। कौड़ी के मोल बिकने वाली जमीनों को पाट कर उसे मुंहमांगे दामों पर बेचा जा रहा है। बथुआ नदी के दोनों तट पर बड़ी बड़ी इमारतें बन गई है।
लोकायुक्त से करवाएंगे जांच
सपा नेता हरेंद्र सिंह त्यागी रुद्रपुर में अनियोजित विकास पर चिंता जताई। कहा कि ताल और नदी को पाट कर कुछ लोग शहर को आपदा की ओर ले जा रहे हैं। अवैध रुप से विकसित की जाने वाली कॉलोनियों की लोकायुक्त से जांच कराई जाएगी।
भू-माफियों पर कसेगा शिकंजा
एसडीएम डॉ. आरडी पांडेय ने कहा कि निषिद्ध क्षेत्र में कॉलोनी बसाने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने नगर पंचायत को पोखरी पाट कर कॉलोनी बसाने वालों को चिह्नित कर नोटिस देनेे का निर्देश दिया।
जमीनों की दलाली में करोड़ों की कर चोरी
उपनगर में कॉलोनी बसाने वाले सभी अवैध रुप से काम कर रहे हैं। इनके पास कॉलोनाइजर का कोई लाइसेंस नहीं है। शहर में बसने की अंधी दौड़ में लोग मुंहमांगे दाम पर प्लाट खरीद रहे हैं। अवैध कॉलोनियां न तो नगर पंचायत से स्वीकृत हैं और ना ही इनका मानचित्र स्वीकृत है। जमीनों की खरीद फरोख्त में लगे लोग कर चोरी कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं।