देवरिया। अब जिला पुलिस मुख्यालय में सिर्फ सोमवार को ही पुलिसकर्मियों का दुखड़ा सुना जाएगा। यह व्यवस्था एसपी शचि घिल्डियाल ने वृहस्पतिवार को बनाई। रोजाना पुलिस कार्यालय में फरियादी सिपाहियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। इसकी जानकारी जनपद के सभी थानेदारों को दे दी गई है। साथ ही सभी पुलिसकर्मियों को इस नियम का सख्ती से अनुपालन करने को कहा गया है।
इस फरमान के जारी होने के पीछे की वजह भी बड़ी रोचक है। गत 27 मई को जिला अस्पताल से विचाराधीन कैदी विवेक के फरार होने की घटना में निलंबित सिपाही कुंवर सिंह और श्रीकृष्ण वृहस्पतिवार को जिला पुलिस मुख्यालय में एसपी से निलंबन हटाने का गुहार करने पहुंचे। इस दौरान आमजन भी मौजूद थे। इन सिपाहियों का मामला पेश होते ही एसपी का चेहरा तमतमा उठा और उन्होंने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए दोनों को अनुशासन की ऐसी कड़ी घुट्टी पिलाई तो मौजूद दूसरे विभागीय लोग भी सहम गए। दो टूक लहजे में कहा कि विभाग की नाक कटवा दी और अब बहाली चाहते हो। पहले फरार कैदी को पकड़ कर पेश करो, फिर बहाली के आवेदन पर विचार होगा। इसी क्रम में उन्होंने पुलिसकर्मियों का दुखड़ा सुनने के लिए खास दिन तय करने का फरमान सुनाया। मौजूद पुलिस सूत्रों ने बताया कि रोजाना सुबह 10 से 12 बजे आमजन की शिकायत सुनने के दौरान अक्सर पुलिसकर्मी भी फरियाद लेकर पहुंच जाते हैं। कुछ मामलों में गलती मिलने पर एसपी द्वारा फरियादी पुलिस कर्मी को कड़ी डांट पिलाई जाती है। यह डांट सभी के सामने ना पड़े और आम जनता में विभागीय कर्मी का रुतबा ना गिरे, इसलिए नई व्यवस्था लागू की गई है।
देवरिया। अब जिला पुलिस मुख्यालय में सिर्फ सोमवार को ही पुलिसकर्मियों का दुखड़ा सुना जाएगा। यह व्यवस्था एसपी शचि घिल्डियाल ने वृहस्पतिवार को बनाई। रोजाना पुलिस कार्यालय में फरियादी सिपाहियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। इसकी जानकारी जनपद के सभी थानेदारों को दे दी गई है। साथ ही सभी पुलिसकर्मियों को इस नियम का सख्ती से अनुपालन करने को कहा गया है।
इस फरमान के जारी होने के पीछे की वजह भी बड़ी रोचक है। गत 27 मई को जिला अस्पताल से विचाराधीन कैदी विवेक के फरार होने की घटना में निलंबित सिपाही कुंवर सिंह और श्रीकृष्ण वृहस्पतिवार को जिला पुलिस मुख्यालय में एसपी से निलंबन हटाने का गुहार करने पहुंचे। इस दौरान आमजन भी मौजूद थे। इन सिपाहियों का मामला पेश होते ही एसपी का चेहरा तमतमा उठा और उन्होंने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए दोनों को अनुशासन की ऐसी कड़ी घुट्टी पिलाई तो मौजूद दूसरे विभागीय लोग भी सहम गए। दो टूक लहजे में कहा कि विभाग की नाक कटवा दी और अब बहाली चाहते हो। पहले फरार कैदी को पकड़ कर पेश करो, फिर बहाली के आवेदन पर विचार होगा। इसी क्रम में उन्होंने पुलिसकर्मियों का दुखड़ा सुनने के लिए खास दिन तय करने का फरमान सुनाया। मौजूद पुलिस सूत्रों ने बताया कि रोजाना सुबह 10 से 12 बजे आमजन की शिकायत सुनने के दौरान अक्सर पुलिसकर्मी भी फरियाद लेकर पहुंच जाते हैं। कुछ मामलों में गलती मिलने पर एसपी द्वारा फरियादी पुलिस कर्मी को कड़ी डांट पिलाई जाती है। यह डांट सभी के सामने ना पड़े और आम जनता में विभागीय कर्मी का रुतबा ना गिरे, इसलिए नई व्यवस्था लागू की गई है।