पखवारे भर से खरीद केंद्रों पर पड़े हैं किसान
पैसे लेकर गेहूं की तौल कराने का आरोप
चित्रकूट। उठान न होने से गेहूं खरीद की रफ्तार धीमी पड़ गई है। जिले के कई खरीद केंद्रों पर गेहूं खुले में रखा है। खरीद केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए किसान ट्रैक्टर ट्रालियों में गेहूं लादकर कई दिन से खड़े हैं। अब ग्रामीण क्षेत्र के किसान भी गेहूं लेकर शहर के खरीद केंद्रों पर आ रहे हैं। इसके चलते मंडी स्थित खरीद केंद्रों पर भीड़ बढ़ती जा रही है।
ऐंचवारा स्थित सहकारी समिति पर गेहूं बेचने आए किसान संकर्षण द्विवेदी ने बताया वे सप्ताह भर पहले गल्ला लेकर आए थे। अभी तक उनके गेहूं की तौल नहीं हुई और न ही तीन-चार दिन तक तौल होने की संभावना दिख रही है। बताया कि जो 2000 रुपए ट्राली दे देता है, उसकी तौल तुरंत करा दी जाती है। सरैंया के दिनेश प्रसाद शुक्ला का कहना है कि उन्होंने 2000 रुपए नहीं दिए तो उनका छह बोरा गेहूं खराब बताकर वापस कर दिया। बसावनपुर चर के विजयराज पांडे का कहना है कि वे एक महीने से खरीद केंद्रों पर जा रहे हैं लेकिन उनको अभी तक नंबर मिला है। सेमरदहा के कुछ किसानों का कहना है कि जो रुपए देने को तैयार हो जाता है उसको दो-तीन दिन के अंदर का नंबर मिल जाता है। आरोप लगाया कि हन्ना बिनेका की साधन सहकारी समिति में सचिव का भाई गांव-गांव जाकर 1100 रुपए क्विंटल गेहूं खरीदता है। उसे लाकर अपने सचिव भाई के दम पर साधन सहकारी समिति में 1285 रुपए में बेच देता है। इस मामले में प्रबंधक सहकारी प्रबंधक बीके सिंह ने बताया कि जांच टीमें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि किसान आप लोगों से शिकायत तो करते हैं लेेकिन जब हम लोग जांच करने पहुंचते हैं तो कोई कुछ भी नहीं बोलता। उन्होंने कहा कि अगर कोई शिकायत सही पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गेहूं खरीद अधिकारी एसके सिंह ने बताया कि जिले के 27 केंद्रों पर बुधवार शाम तक एक लाख 3433 कुंतल गेहूं की खरीद हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बुधवार को तीन हजार 61 कुंटल गेहूं की खरीद की गई। उन्होंने बताया कि पीसीएफ के सेंटरों पर गेहूं की डिलीवरी अब ठीक हो गई है। बुधवार को एसडीएम कर्वी चंद्र प्रकाश उपाध्याय ने अतर्रा जाकर जिले के गेहूं की डिलीवरी के लिए एफसीआई के प्रबंधक से बात कर बाधाओं को दूर कराया। उन्हाेंने बताया कि जिले में अब तक खरीदे गए 103433 कुंतल गेहूं में से 67000 कुंतल की डिलीवरी हो चुकी। उन्होंने बताया कि बुधवार को कुछ पीसीएफ केंद्रों पर बोरे की दिक्कत हुई थी लेकिन बोरे मिल जाने से समस्या नहीं है।