सरैंया (चित्रकूट)। सेमरिया चरनदासी में इस समय छोटी चेचक (खसरा) का प्रकोप है। ग्रामीण अंधविश्वास की वजह से गांव में ही पूजापाठ कर रहे हैं। ग्राम प्रधान देवराज सिंह ने माना कि लगभग आधा गांव इसकी चपेट में है। उन्होंने बताया कि एएनएम लगभग दो महीने पहले आई थी, उसके बाद से अता-पता नहीं है।
बहिलपुरवा थाना के सेमरिया चरनदासी गांव में करीब एक दर्जन परिवार इस समय खसरे से पीड़ित हैं। सबसे ज्यादा छोटे बच्चे परेशान हैं। गांव के उमाशंकर द्विवेदी ने बताया कि पहले इस बीमारी में तेज बुखार आता है और इसके बाद दाने निकल आते हैं। गांव में उसके अलावा, रावेंद्र (15), अनुराधा (17), पूर्णिमा (12), रंजू (10), पवन (8), दिवाकर (26), पारुल (8), गीतिका (9), मीरा (20), गंगू (21), छैला (20), छब्बू (15), रामसूरत (25), छोटा (12) सहित लगभग तीन दर्जन पीड़ित हैं। एकाध परिवारों के तो सभी सदस्य इसकी चपेट में हैं। उधर, अंधविश्वास के कारण लोग अस्पताल जाने के बजाए घर में पूजा पाठ के सहारे हैं। ग्राम प्रधान देवराज सिंह ने बताया कि लगभग आधे गांव के लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। किसी स्वास्थ्य कर्मचारी या डाक्टर के आने के बारे में पूछे जाने पर बताया कि अभी शायद डाक्टरों को मालूम ही नहीं। एएनएम के बारे में बताया कि वह लगभग दो महीने पहले आई थीं। इस संबंध में सीएमओ डा. आरडी राम ने बताया कि वे मीटिंग में हैं। डिप्टी सीएमओ रामबहादुर सिंह का फोन ही नहीं उठा।