चित्रकूट। संग्रामपुर गांव के विवादित भवन को प्रशासन ने गुरुवार को खाली करा लिया। ग्राम प्रधान इस भवन को जहां पंचायत भवन बता रहे हैं, वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि यह भवन पंचायत भवन नहीं है। उसने पुलिस और प्रशासन पर अभद्रता करने और सामान फेंकने का आरोप लगाया है।
ग्राम प्रधान मुन्नालाल ने बताया कि उसके गांव के पंचायत भवन में लंबे अरसे से गांव का चंद्रिका प्रसाद सपरिवार रह रहा था। इससे गांव की बैठक आदि कराने में दिक्कत होती थी। कई बार चंद्रिका से भवन खाली करने को कहा गया पर वह नहीं माना। कई बार इसकी शिकायत प्रशासन से की गई। उसने बताया कि गुरुवार को एसडीएम के साथ डीपीआरओ, एडीओ पंचायत, नायब तहसीलदार, लेखपाल, कानूनगो आदि का प्रशासनिक अमला पुलिसकर्मियों के साथ वहां पहुंचा और पंचायत भवन खाली करा लिया। उसने बताया कि इस दौरान चंद्रिका प्रसाद के परिजनों ने विरोध भी किया। बताया कि सामान की सूची बनाकर कोटेदार रमेश चंद्र के सुपुर्द कर दी गई है और जरूरी सामान चंद्रिका का परिवार अपने साथ ले गया है।
उधर, चंद्रिका के भाई ललित किशोर त्रिपाठी ने कहा है कि इस संबंध में पुलिस महानिदेशक, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और आयुक्त को पत्र भेजकर उप जिला मजिस्ट्रेट, महिला दारोगा, नायब तहसीलदार मानिकपुर, लेखपाल आदि पर आरोप लगाया है कि इन लोगों ने उसके भाई चंद्रिका प्रसाद का सारा सामान फेंक दिया और महिलाओं के जेवर लूट लिए। साथ ही अभद्रता की। पुलिस ने उसके भाई को अवैध हिरासत में लेकर गायब कर दिया है, जिसकी हत्या की आशंका है। शिवरामपुर चौकी में उसके दूसरे भाई विनय और भतीजे बृजबिहारी को पुलिस बैठाए है।