चित्रकूट। ग्राम विकास अधिकारी संघ और ग्राम पंचायत अधिकारी संघ का संयुक्त धरना प्रदर्शन और कलमबंद हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि डीपीआरओ की पिछले छह महीने की काल डिटेल खंगाली जाए तो पता चल जाएगा कि किस तरह उन्होंने सचिवों का मानसिक उत्पीड़न किया है। कहा गया कि अगर 25 मई तक मामला न निपटा तो पूरे जिले के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।
डीपीआरओ पर उत्पीड़न, सुविधा शुल्क की मांग और कर्मचारियों को बिना वजह निलंबित करने का आरोप लगा सचिव दो दिन से कलमबंद हड़ताल पर हैं। आंदोलन के दूसरे दिन जयकरन सिंह ने कहा कि कलमबंद हड़ताल से जनता परेशान है। इसका जिम्मेदार डीपीआरओ का व्यवहार और कार्यशैली है। कर्मचारी नेता राघवेंद्र मिश्र ने कहा कि यदि डीपीआरओ लिखित रूप से माफी नहीं मानते तो संघर्ष प्रदेश स्तर तक ले जाया जाएगा। मुद्दे को विधानसभा में उठाने के लिए विधायकों से संपर्क किया जाएगा। ग्राम विकास अधिकारी जगदीश पटेल ने डीपीआरओ के व्यवहार पर कटाक्ष किया। जानकीशरण ने कहा कि डीपीआरओ के मोबाइल की पिछले छह महीने की काल डिटेल निकलवाई जाए तो पता चल जाएगा कि उन्होंने किस तरह से मानसिक उत्पीड़न किया है। जयप्रकाश ने कहा कि डीपीआरओ के खिलाफ 50 कर्मचारियों ने आरोप लगाया है। इनके छह साल के कार्यकाल की जांच होनी चाहिए। इसके लिए बाकायदा कमेटी बनाई जाए। इस मौके पर मौजूद राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा कि अगर सभी शिकायतों का निपटारा 25 मई तक नहीं किया जाता तो जिले के सभी कार्यालय बंद कर दिए जाएंगे। अंबरीश त्रिपाठी, संदीप पटेल, धर्मपाल यादव, रामकृष्ण चंदेल, सोहनलाल, प्रदीप कुशवाहा, सुरेंद्र सिंह, अनिल सिंह, राजबहादुर कुशवाहा, जयप्रकाश, रमाशंकर साहू ने भी धरने को संबोधित किया।