चित्रकूट। दरसेड़ा गांव के गरीब ननकावन को पट्टा मिलने में अभी भी रोड़े हैं। लगता नहीं कि उसकी आस जल्द पूरी होगी। कम से कम एसडीएम सीपी उपाध्याय के कथन से तो यही लगता है। उन्होंने कहा कि पहले लेखपाल को भेजकर प्रस्ताव कराया जाएगा। जमीन की उपलब्धता होने पर ही ननकावन को जमीन दी जा सकती है। दरसेड़ा (पहाड़ी) निवासी ननकावन यादव पुत्र बहादुर के पास तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का मंच से मौखिक आश्वासन के साथ विभिन्न जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के लिखित आश्वासनों का पुलिंदा है। मुलायम ने 10 सितंबर 2005 को ननकावन को खाने कमाने लायक पट्टा देने को कहा था। मुख्यमंत्री के मौखिक आदेश से खुश ननकावन को तब आस बंधी थी कि अब वह भी काश्तकार हो जाएगा। बसपा सरकार के बाद फिर से सपा सरकार आ गई और ननकावन का दामन खाली का खाली है। उसके पास सीएम के तत्कालीन कार्याधिकारी जगजीवन प्रसाद, मुलायम सिंह के राजनीतिक सचिव वीरेंद्र सिंह, बांदा चित्रकूट सांसद आरके सिंह पटेल, सपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष भइयालाल यादव, पूर्व एमएलसी रामशरण दास, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रामआसरे वर्मा जैसे तमाम कद्दावरों के संस्तुति और आश्वासन पत्रों का पुलिंदा है। किसी तरह मजदूरी कर दस लोगों का पेट पाल रहे ननकावन के हाथों में अपरस हो जाने से अब वह मजदूरी भी नहीं कर पाता। अमर उजाला ने इस लाचार की कहानी को अब मुलायम का वादा पूरा होने की बाट जोह रहा है ननकावन शीर्षक से प्रमुखता से छापा था। इस संबंध में कई दिन होने के बाद और मामले की लखनऊ तक गूंज होने के बाद भी प्रशासन ने एक कदम भी इस तरफ नहीं बढ़ाए। एसडीएम सीपी उपाध्याय से इस संबंध में जानकारी लेने पर पहले तो व्यस्तता का हवाला दिया और फिर कहा कि वे दरसेड़ा गांव में लेखपाल को भेजेंगे। वहां ग्रामसभा से प्रस्ताव कराया जाएगा और फिर गांव में जमीन उपलब्ध हुई तभी ननकावन को मिलेगी।