चित्रकूट। एक बार फिर पेट्रोल की कीमतें बढ़ गईं। एक-दो नहीं पूरे साढ़े सात रुपए। ऐसे में आम आदमी की जेब पर बोझ ही नहीं जेब खाली होने की स्थिति आ गई। इस बढ़ोत्तरी को आम आदमी के लिए खतरनाक तो सभी विपक्षी दलों ने बताया पर किसी तरह के आंदोलन की बात किसी ने नहीं कही। पर बताने पर आम आदमी का यह जरूर कहना था कि सरकार आम आदमी को लगता है मार ही डालेगी।
पेट्रोल की बढ़ी कीमतों की हालांकि ज्यादातर लोगों को जानकारी न होने से पेट्रोल पंप में अपेक्षित भीड़ नहीं नजर आई। इक्का दुक्का लोगों ने यह जरूर कहा कि उन लोगों ने अखबारों में जरूर पढ़ा था कि पेट्रोल की कीमत बढ़ जाएगी। हालांकि पहाड़ी में जरूर दोनों पेट्रोल पंपों पर वहां खड़े कर्मचारियों ने उपभोक्ताओं को पेट्रोल देने से मना कर दिया था। छात्र नेता रामप्रकाश पांडे ने बताया कि दोनों पेट्रोल पंपों पर कर्मचारी लोगों को यह कहकर लौटा रहे थे कि बाहर से इंजीनियर आ रहे हैं और इसलिए रीडिंग दिखाने के लिए वे पेट्रोल नहीं दे सकते। उधर राजनीतिक दलों के नेताओं को पहले तो यह जानकारी ही नहीं थी और जब उनसे पूछा गया तो सभी ने इसकी निंदा तो की पर जनता को राहत दिलाने के लिए क्या करेंगे, इस पर कुछ नहीं बताया। सपा जिलाध्यक्ष राजबहादुर सिंह यादव ने कहा कि यह बोझ आम जनमानस पर पड़ेगा और इसका असर लोगों की जेबों पर देखने को मिलेगा। बसपा के प्रमुख नेता रामसागर चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार को आम आदमी से कोई लेना देना नहीं है। भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश तिवारी ने एक साल के अंदर बारह बार पेट्रोल की कीमत बढ़ाने की बात कही। कहा कि कांग्रेस की सरकार में इस कदर महंगाई बढ़ी कि आम आदमी की रीढ़ ही टूट गई। कांग्रेस जिलाध्यक्ष नत्थू कोल ने कहा कि ऊपर का मामला है। मैं क्या कह सकता हूं। मैं भी आम नागरिक की तरह हूं। महंगाई का असर हमारे ऊपर भी पड़ रहा है।