चित्रकूट। तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां में पहाड़ी और कर्वी ब्लाक के ग्राम विकास अधिकारियों को दिए गए दो दिवसीय फलदार वृक्षों के पोषक तत्व प्रबंधन का प्रशिक्षण में जानकारों ने कहा कि पौधे के विकास में सहायक जरूरी तत्वों का ध्यान रखा जाना चाहिए।
केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक विनय कुमार ने नवीनतम जानकारी देते हुए कहा कि जिले की मिट्टी के अनुसार फलदार वृक्षों के प्रबंधन में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश के अलावा सूक्ष्म तत्व सल्फर, कैल्सियम, बोरान, मैग्नीज आदि का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने वर्मी कंपोस्ट और नाडेप खाद की भी जानकारी दी। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने गर्मियों में फलदार वृक्षों में जल प्रबंधन के लिए मल्चिंग का प्रयोग कर नमी को संरक्षित करने की आवश्यकता बताई। कहा कि इसके लिए पुआल या काली पालीथिन तने के चारों तरफ डालकर पानी के वाष्पीकरण को रोका जा सकता है। सब्जी एवं मसाला उत्पादन, फूलों की खेती, औषधीय पौधों की नवीनतम जानकारी भी दी गई। मत्स्य वैज्ञानिक और केंद्र प्रभारी कमलाशंकर शुक्ल ने मिट्टी परीक्षण कैसे करें, यह समझाया। विजय कुमार गौतम ने खरीफ फसलों से भरपूर पैदावार लेने के लिए बताया कि खेतों की जुताई अवश्य करें और साथ ही नवीनतम प्रजातियों के बीजों का प्रयोग करें। केंद्र प्रसार वैज्ञानिक संत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस इलाके में भूजल का स्तर कम है और इसके लिए ही वर्षा के पानी का प्रबंधन जरूरी है। खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में और पहाड़ का पानी पहाड़ में इस अवधारणा के विकास की जरूरत है।