जिलाधिकारी से लगाई चंपाबाई ने गुहार
चित्रकूट। एक जीवित वृद्धा को मृत दिखाकर उसकी पेंशन बंद कर दी गई। पंद्रह साल से मिलने वाले खर्च के बंद होने से वह पाई-पाई को मोहताज हो गई। लाचार वृद्धा ने अब जिलाधिकारी से गुहार लगाई है।
जिलाधिकारी को भेजे पत्र में पहाड़ी गांव की चंपाबाई पत्नी रामचंद्र ने बताया कि वह अस्सी साल की है और उसे वृद्धावस्था पेंशन लगभग पंद्रह साल से मिल रही है। उसका खाता तुलसी ग्रामीण बैंक (अब इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक) पहाड़ी शाखा में है। अंतिम बार 25 मार्च 11 को 1800 रुपए निकाले थे, तब से लेकर कई बार वह कार्यालय में सशरीर उपस्थित होकर अपने जीवित होने का प्रमाण दे चुकी है पर आश्वासन मिला पेंशन नहीं। आरोप है कि लेखपाल ने अन्य लोगों की मिलीभगत से उसका नाम मृतक बताकर सूची से कटवा दिया है। अब वह दाने दाने को मोहताज है। पहाड़ी से कर्वी आने में उसको किराया भी लगता है और फिर भी कोई फायदा नहीं हो पाता। उसने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पेंशन शुरू कराने की गुहार की है।
अधिकारी बोले, कई हैं ऐसे मामले
उधर, जिला समाज कल्याण अधिकारी एनपी मिश्र ने माना कि विभाग के सामने लगभग 80 ऐसे मामले आए हैं, जिनमें से लगभग सत्तर को निस्तारित कर इनकी पुन: पेंशन शुरू भी कराई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि होता यह है कि जब लेखपाल आदि गांवों में सर्वे को जाते हैं तो ग्रामीण इन वृद्ध लोगों के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाते और नतीजे में नाम काट दिया जाता है। उन्होने कहा कि चंपा बाई उनके सामने उपस्थित होकर प्रार्थनापत्र दे दे तो उसकी पेंशन फिर से चालू कर दी जाएगी।