चित्रकूट। घर में मौत के बाद पूरे परिवार के लोग जहां विलाप कर रहे थे वहीं बैजनाथ की आंखों में युवा पुत्र की मौत पर भी एक आंसू नहीं था। पुलिस अधिकारियों की पूछतांछ के दौरान विजय के पिता ने यह जरूर कहा कि वह डाकू से नहीं डरता अगर पुलिसवाले साथ दें तो वह तीन दिन में बलखड़िया को मरवा सकता है।
बैजनाथ ने बताया कि गांव के जिन लोगों को उसने नामजद किया है, उनसे उसके पुत्र की प्रधानी के चुनाव में रमाशंकर तिवारी से रंजिश थी। इसके अलावा उसका भतीजा गुड्डू गांव में एक चेकडैम का काम देख रहा था, जिसमें अनियमितता पर ठेकेदार ने उससे काम छीनकर विजय पाल को जिम्मेदारी दे दी थी। इसको लेकर भी वे लोग उससे रंजिश मानते थे। आरोप लगाया कि इन्हीं लोगों ने बलखड़िया से कहकर उसके पुत्र की हत्या कराई है। उधर, यह भी बताया जाता है कि विजय के छोटे भाई बाबूलाल के खिलाफ मानिकपुर थाने में दस्यु संरक्षण समेत कई मामले दर्ज हैं। ग्रामीणों में यह भी चर्चा थी कि विजय पहले ददुआ के साथ रहे छोटा पटेल का करीबी था और फिर पुलिस की मुखबिरी भी करने लगा था। हत्या का एक कारण यह भी माना जा रहा है।
... पहचानने को एक ग्रामीण भी साथ लाए थे डकैत
डकैत विजय पाल को ही मारने आए थे, यह बात तय थी। विजय के पास ही सो रहे अर्जुन, उसके साले सोनू आदि ने बताया कि आहट सुनकर उन लोगों की नींद खुली तो देखा कि कुछ लोगों ने विजय का नाम पूछा और फिर गोलियां मार दीं। इन लोगों के अनुसार पास के मजरे बरहा कोलान के एक व्यक्ति चिंगा कोल को भी डकैत साथ में लिए थे, जिसने विजय को पहचाना।
विधायक चंद्रभान का भी नाम लिया एक रिश्तेदार ने
पोस्टमार्टम हाउस में विजय के एक रिश्तेदार ने, जो मानिकपुर में रहता है, खुलकर आरोप लगाया कि मानिकपुर विधायक चंद्रभान पटेल ने विजय पाल को चुनाव में संपत पाल के पक्ष में प्रचार करने पर धमकाया था। इस संबंध में चंद्रभान पटेल ने कहा कि वह तो चुनाव के समय से विजय पाल से मिले तक नहीं, उसको धमकाने की बात तो दूर है। सभी आरोपों को निराधार बताते हुए उन्होंने सपा सरकार के शासन में फिर से डकैतों का आतंक बढ़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि बसपा राज में सभी डकैत भूमिगत हो गए थे या फिर मार डाले गए थे पर सपा की सरकार बने अभी कुछ ही दिन हुए और डकैत वारदात करने लगे।
डीआईजी बोले, आपरेशन बलखड़िया चलेगा
मौके पर पहुंचे डीआईजी पीके श्रीवास्तव ने माना कि जिस तरह से वारदात की गई है उससे साफ है कि यह जमुनिहाई कांड की तर्ज पर की गई है। साथ ही इसमें बलखड़िया गिरोह का ही हाथ लगता है। कहा कि जल्द ही पुलिस काउंटर अटैक करेगी। बलखड़िया आपरेशन को चुनौती की तरह लिया जाएगा। इसमें एसटीएफ की मदद भी ली जा सकती है। अगर गांववाले साथ दें तो डाकू को मारने में ज्यादा देर न लगेगी।