मऊ (चित्रकूट)। एक और युवा किसान ने शनिवार को अपनी इहलीला समाप्त कर ली। बताया जाता है कि इसके ऊपर बैंक का लगभग 53 हजार रुपए का कर्ज था। इसने गांव में अपनी डेढ़ बीघा जमीन भी गहन रखी थी। प्रधान ने युवक की मौत का कारण जहां कर्जदार होना बताया, वहीं एसडीएम ने कहा कि अभी वसूली का काम स्थगित है। ऐसे में कर्ज से तंग आकर जान देने की बात गले से नहीं उतरती।
ब्लाक मुख्यालय से लगभग आठ किमी दूर ददरी गांव में सुखलाल अपनी पत्नी केवली और इकलौते बेटे रामबहादुर मौर्य (30), बहू सोनकली और उसके बच्चों वंदना (10), विनीता (8), अनीता (6), दुर्गेश (4), परवेश (2) और अखिलेश (1) के साथ रहता है। मां केवली ने बताया कि रामबहादुर शनिवार सुबह लगभग छह बजे साइकिल से आटा पिसाने गया था। उस समय वह गोड़ा (जानवरों के बांधने के स्थान) गई थी। रामबहादुर लौटने के बाद उसे बुलाने गोड़ा गया। वह साइकिल से पहले घर पहुंचा, जबकि वह पैदल घर पहुंची। उसने दरवाजा खोला तो सन्नाटे में आ गई। धन्नी से रस्सी के सहारे रामबहादुर ने फांसी लगा ली थी। पड़ोसियों की मदद से जब तक उसे उतारा गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। प्रधान कैलाश ने इसकी सूचना लेखपाल मोहनलाल को दी। प्रधान ने बताया कि तीन साल पहले रामबहादुर के पिता सुखलाल ने टेंपो के लिए इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक की बेड़ी पुलिया शाखा से कर्ज लिया था। अभी भी इसकी चार किस्त बाकी थी। इसके अलावा इसने अपनी डेढ़ बीघा जमीन भी गांव के साहूकारों के यहां गहन रख दी थी। ग्रामीणों में यह भी चर्चा थी कि एक महीना पहले भी किसी बैंक से इसने बीस हजार रुपए कर्ज लिया था। हालांकि बैंक शाखाओं के बारे में कोई जानकारी परिजन नहीं दे पाए। एसडीएम अभयराज ने मौका मुआयना किया। उन्होंने बताया कि फिलहाल वसूली का काम स्थगित है, इससे प्रथम दृष्टया कर्ज की वजह से आत्महत्या की बात सही नहीं लगती।