चित्रकूट। जिले के दो होनहारों ने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर परिवार और जिले का नाम रोशन किया है। दोनों ने नवोदय विद्यालय मानिकपुर से प्रारंभिक शिक्षा पाई। दोनों का सपना है कि वे इंजीनियर बनने के बाद प्रशासनिक सेवा पास करें और आईएएस अफसर बनकर देशसेवा करें।
जानकारी के अनुसार जिले से दो होनहारों ने इंजीनियरिंग की प्रतिष्ठित परीक्षा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है। इनमें से एक छात्र डिलाइट स्टूडियो के सामने रहने वाले वन निगम के सेक्शन अधिकारी श्यामराज के पुत्र सौरभराज है। मूल रूप से मऊ जिले के घोसी तहसील निवासी श्यामराज के पुत्र को आईआईटी की परीक्षा में 832 वी रैंक मिली। सौरभ ने कक्षा छ: से बारह तक की शिक्षा मानिकपुर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय से प्राप्त की। सौरभ ने अपने दूसरे प्रयास में यह उपलब्धि हासिल की है। उसने आगे चलकर आइएएस की परीक्षा में बैठने की बात कही। सौरभराज क ा बड़ा भाई कुंदनराज भी गाजियाबाद से बीटेक तृतीय वर्ष की परीक्षा दे रहा है। पिता श्यामराज ने बताया कि कुंदन भी एआईईईई की परीक्षा से इंजीनियरिंग में हुआ था अब सौरभ ने आईआईटी में सफलता पाई है। उसकी बहन श्रुति राज इंटरमीडिएट में पढ़ रही है। माता राजकुमारी कुशल गृहणी हैं। सौरभ ने अपनी सफलता का श्रेय अपने बडे़ भाई व अपने माता पिता को दिया। मानिकपुर प्रतिनिधि के अनुसार नवोदय विद्यालय के प्राचार्य के लाल ने कहा कि सौरभ बचपन से ही मेधावी था
दूसरा छात्र होनहारों के गांव रैपुरा का निवासी है। यहां के कृषक रामकल्याण सिंह उर्फ बच्चा भाई के पुत्र नीलेश सिंह ने आईआईटी में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है। उसके चाचा रामकुमार सिंह ने बताया कि नीलेश की आईआईटी में 4165 रैंक आई है। बहन नेहा देवी कक्षा दो की छात्रा है। कानपुर में कोचिंग कर रहे नीलेश ने मोबाइल पर बताया कि वह अपनी सफलता का श्रेय तो माता सरोजा देवी और पिता को देता है पर उसकी सफलता में दादा रामभरोसा का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने इसकी तैयारी में किसी तरह की कोई कमी नहीं आने दी। उसने कभा एक से पांच तक रैपुरा के ही स्वर्गीय गया प्रसाद नर्सरी से पढ़ाई की। इसके बाद वह कक्षा आठ तक सुरेंद्र पाल ग्रामोदय विद्यालय में पढ़ा और बाद में नवोदय विद्यालय मानिकपुर में शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद एक साल तक उसने कानपुर में काकादेव के एक इंस्टीट्यूट से कोचिंग की, जहां वह सौरभ राज के साथ पढ़ा।