ग्रामीण क्षेत्रों के गेहूं खरीद केंद्र की धीमी खरीद से किसानों का जमावड़ा
चित्रकूट। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के गेहूं खरीद केंद्र की धीमी खरीद से किसानों का जमावड़ा लग रहा है। किसानाें को अपना गेहूं बेचने के लिए नाकोें चने चबाने पड़ रहे हैं। किसानों के गेहूं की ट्रालियों को खाली होने में एक सप्ताह से दस दिन तक का समय लग रहा है। कई जगह पर बोरों की कमी की वजह से खरीद भी प्रभावित हो रही है। जहां क्षेत्रीय किसान, खरीद केंद्र प्रभारियों पर बारदानों की वजह से खरीद बंद करने का आरोप लगा रहे हैं वहीं अधिकारी इन बातों को सिरे से खारिज कर रहे हैं।
ग्रामीण केंद्रों पर धीमी खरीद से किसानों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि देहात क्षेत्र के गेहूं क्रय केंद्रों पर खरीद दिनभर में केवल दो-तीन गाड़ी की खरीद हो पाती है। जिससे किसानों को चार से लेकर दस दिन तक रुकना पड़ रहा है। शिवरामपुर प्रतिनिधि के अनुसार शिवरामपुर में लगभग तीन दिन से खरीद बंद है। भैसौंधा और ओसरी पुरवा के किसान बैजनाथ यादव, रामदुलारे, साधूराम, शिवसिंह, राजबहादुर यादव और बारा के रामदीन ने बताया कि उन्हें रात में ट्रैक्टर के पास ही सोना पड़ता है। मऊ प्रतिनिधि ने बताया कि कस्बे के पवई रोड स्थित राजकीय गेहूं खरीद केंद्र प्रभारी टोकन देते हैं जिससे एक एक किसान का नंबर एक सप्ताह से दस दिन बाद तक आता है। नीबी के किसान राममिलन ने बताया कि किसानों को दो किलो प्रति कुंतल के हिसाब से मजदूरी ली जाती है। चितरवार के दंगल व आनंदी प्रसाद ने बताया कि उन्हें ट्राली लेकर यहां आए सात दिन हो गए हैं लेकिन अभी तक गेहूं तौला नहीं जा सका है।
वहीं बियावल के खरीद केंद्र पर भी बोरों की कमी से खरीद ठप है। वियावल के जयनारायण द्विवेदी, मोतीलाल, गयाशंकर, श्रवण कुमार, रामलाल, उमाशंकर का कहना है कि उन्हें खरीद कें द्र पर आए छह से लेकर आठ दिन हो रहे हैं लेेकिन अभी तक उनकी ट्राली खाली नही हो सकी है। किसानों ने बताया कि खरीद केंद्र के पास छाया व पानी की व्यवस्था न होने से किसानों को काफी देर से पानी लाना पड़ता है। वहीं कांटा प्रभारी ने बताया कि बोरों की वजह से खरीद बंद है जैसे ही बारे मिलेंगे तुरंत खरीद शुरू कर दी जाएगी।
देहात क्षेत्र के खरीद कें द्रों पर तेज गति से खरीद न होने से किसान अपना गेहूं बेचने के लिए कई क्रय केंद्र छोड़कर मंडी स्थित खरीद केंद्र पर अपनी गाड़ी लगा रहा है। जिससे यहां भी किसानों को दिक्कत होने लगी हैं। भीड़ बढ़ने से किसानों को गाड़ियां खाली कराने में आठ से दस दिन का समय लग जा रहा है।
करही के अभिनंदन सिंह मऊ से गेहूं लेकर बेचने के लिए आए और अब तीन खरीद सेंटरों को छोड़कर मंडी के विपणन शाखा में अपना गेहूं बेचने आए हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र के सेंटरों पर जब तक नंबर आता है तब तक बोरे ही खत्म हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि दस दिन में जाकर कल उनका गेहूं तुलने की उम्मीद है। इसी तरह कोठिलिहाई के निवासी छेदीलाल ने बताया कि उन्होंने खोह का खरीद केंद्र छोड़कर मंडी का रुख किया लेकिन यहां भी मारामारी है।
वही जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि जिले के कुल खरीद केंद्रों से शनिवार तक की कुल खरीद 60302 कुंतल है जिसके लिए 2528 किसानों से खरीददारी की गई है। उन्होंने बताया कि कुछ किसान इस आशंका में भीड़ लगा रहे हैं कि कही लक्ष्य पूरा होने के बाद खरीद बंद न हो जाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि तीस जून तक खरीद की जाएगी। निबंधक सहकारी समितियां वीके सिंह ने केंद्रों से खरीद न होने के बाद भी रिकार्ड में खरीद होने की बात से पूरी तरह से इंकार किया।