चित्रकूट। जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय अपने आप में अनूठा है। इसे किसी सरकार ने नहीं बल्कि नेत्रहीन संत ने स्थापित किया है। विकलांगों को विश्व बाजार में जीवन यापन के लिए संघर्ष के साथ सफल उद्यमी भी बनाया है।
यह बातें बृहस्पतिवार को पूर्व गृह मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय में चल रहे विकलांगों के रोजगारपरक कार्यक्रम उद्यमिता के दूसरे दिन कहीं। उन्होंने कहा कि सब को सरकारी नौकरी संभव नहीं है लेकिन यहां से निकला हर छात्र खुद का उद्यम कर सकता है। उद्योग विभाग राष्ट्रीकृत बैंको, खादी ग्रामोद्योग विभागों को चाहिए कि वह कागजी नहीं जमीनी काम करें। गांधी और विनोबा के चरखे से एक समय पूरे भारत को रोजगार मिला था। अब फिर कुटीर उद्योगों की जरूरत है। उद्यमिता विकास केंद्र के चित्रकूटधाम मंडल प्रभारी उदयभान सिंह ने कहा कि चित्रकूट जिले में विकलांगों के साथ और जरूरतमंदों को जोड़ा जाएगा। विकलांगों को विशेष रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। एलडीएम का कहना था कि बैंकों की ओर से स्वरोजगार ऋण के लिए कोई परेशानी नहीं होगी। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो.बी पांडेय ने कहा कि उद्यमिता विकास कार्यक्रम के लिए पूरी सहायता की जाएगी। इस मौके पर महोबा कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज तिवारी, कांग्रेस नेता पंकज मिश्रा, कुल सचिव प्रो.आर्या प्रसाद त्रिपाठी सहित तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे। संचालन जनसंपर्क अधिकारी उमाशंकर पांडेय ने किया।