चंदौली। क्षेत्र के पैतुआं गांव (कटइया पर) की फिजा में सोमवार को आस्था और श्रद्धा पूरे दिन हिलौरे मारती रही। एक तरफ मंच पर आसीन स्वामी अड़गड़ानंद के कृपापात्र मास्टर बाबा गीता का पाठ कर रहे थे, तो दूसरी ओर था भक्तों का भारी हुजूम। जैसे-जैसे दिन चढ़ रहा था कार्यक्रम स्थल पर भक्तों का रेला उमड़ता ही जा रहा था। दोपहर बाद भक्तों की भारी भीड़ जमा रही।
भक्तों को आशीर्वचन देते हुए मास्टर बाबा ने कहा कि गीता विश्व का सबसे बड़ा धर्म ग्रंथ है। यह भगवान श्रीकृष्ण के मुखारबिंदु से निकली वाणी का संग्रह है। इसके अध्ययन से मानव के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। गीता के प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि बिना सद्गुरु के मानव जीवन अधूरा है। जिन्होंने सद्गुरु के प्रति साधना बढ़ाई, उसे वह प्राप्त हुए। भजन प्रतिदिन होना चाहिए। मनुष्य को भजन प्रतिदिन सवाई के हिसाब से बढ़ाना चाहिए। मनुष्य जिस भावना से प्रभु का स्मरण करता है। उसी भावना से प्रभु उसे मिलते हैं। तीर्थ एक पुनीत स्थान है उस स्थान को अमल करने वाला विरले कोई एक होता है जो सद्गुरु के द्वारा ही प्राप्त होता है। कहा कि गीता और रामचरित मानस एक है। शिव का मतलब सद्गुरु है। तन से सेवा, मन से प्रभु का स्मरण ऐसा होता है तभी भजन में मन लगता है। सद्गुरु की सेवा करने से अविरल भक्ति प्राप्त होती है। उससे संसार की सभी वस्तुएं मिल जाती है। मुख में राम का नाम तो हाथ से सेवा होनी चाहिए। इस अवसर पर फतेहपुर आश्रम के दुलारे बाबा और कन्हैया बाबा वहां उपस्थित रहे।
इनसेट-----
पैतुआं गांव हुआ कंचनपुर
चंदौली। स्वामी अड़गड़ानंद जी के कृपापात्र मास्टर बाबा ने पैतुआं (कटईया पर) गांव का सोमवार को नामकरण भी किया। उन्होंने गांव का नाम कंचनपुर रखा। इसे सुनकर वहां के श्रद्धालु खुशी से झूम उठे। प्रवचन कार्यक्रम में आयोजन में लगे लोगों ने गांव में जगह-जगह कच्चे मकानों की दीवारों पर गांव के नए नाम को लिख भी डाला।
इनसेट-----
जनप्रतिनिधि भी रहे मौजूद
चंदौली। पैतुआं गांव में आयोजित गीता प्रवचन की जानकारी होते ही क्षेत्र के करीब दर्जन भर गांवों के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। इसमें जनप्रतिनिधियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्थिति यह थी कि जब प्रवचन शुरू हुआ, वहां भक्तों की संख्या काफी कम थी, लेकिन जैसे-जैसे प्रवचन का कार्यक्रम बढ़ता गया भक्तों की भीड़ तेजी से बढ़ी। आसपास के गांवों के ग्रामीण टोलियों में पैदल ही आयोजन स्थल की ओर जाते दिखे। देखते ही देखते पूरा का पूरा मैदान भक्तों की भीड़ से भर गया। भारी भीड़ होने के बाद भी वहां की व्यवस्था बेहतर रही। भक्त अनुशासित ढंग से कतारबद्ध होकर मास्टर बाबा का प्रवचन सुनते रहे और अंत में प्रसाद ग्रहण कर लौटे। इस अवसर पर अरविंद यादव, अनिल मिश्रा, दीनानाथ सिंह, अशोक त्रिपाठी, वीरेंद्र सिंह, हरि नारायण, चंद्रशेखर, नरेश, रामधनेश व संजय आदि उपस्थित रहे।
चंदौली। क्षेत्र के पैतुआं गांव (कटइया पर) की फिजा में सोमवार को आस्था और श्रद्धा पूरे दिन हिलौरे मारती रही। एक तरफ मंच पर आसीन स्वामी अड़गड़ानंद के कृपापात्र मास्टर बाबा गीता का पाठ कर रहे थे, तो दूसरी ओर था भक्तों का भारी हुजूम। जैसे-जैसे दिन चढ़ रहा था कार्यक्रम स्थल पर भक्तों का रेला उमड़ता ही जा रहा था। दोपहर बाद भक्तों की भारी भीड़ जमा रही।
भक्तों को आशीर्वचन देते हुए मास्टर बाबा ने कहा कि गीता विश्व का सबसे बड़ा धर्म ग्रंथ है। यह भगवान श्रीकृष्ण के मुखारबिंदु से निकली वाणी का संग्रह है। इसके अध्ययन से मानव के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। गीता के प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि बिना सद्गुरु के मानव जीवन अधूरा है। जिन्होंने सद्गुरु के प्रति साधना बढ़ाई, उसे वह प्राप्त हुए। भजन प्रतिदिन होना चाहिए। मनुष्य को भजन प्रतिदिन सवाई के हिसाब से बढ़ाना चाहिए। मनुष्य जिस भावना से प्रभु का स्मरण करता है। उसी भावना से प्रभु उसे मिलते हैं। तीर्थ एक पुनीत स्थान है उस स्थान को अमल करने वाला विरले कोई एक होता है जो सद्गुरु के द्वारा ही प्राप्त होता है। कहा कि गीता और रामचरित मानस एक है। शिव का मतलब सद्गुरु है। तन से सेवा, मन से प्रभु का स्मरण ऐसा होता है तभी भजन में मन लगता है। सद्गुरु की सेवा करने से अविरल भक्ति प्राप्त होती है। उससे संसार की सभी वस्तुएं मिल जाती है। मुख में राम का नाम तो हाथ से सेवा होनी चाहिए। इस अवसर पर फतेहपुर आश्रम के दुलारे बाबा और कन्हैया बाबा वहां उपस्थित रहे।
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पैतुआं गांव हुआ कंचनपुर
चंदौली। स्वामी अड़गड़ानंद जी के कृपापात्र मास्टर बाबा ने पैतुआं (कटईया पर) गांव का सोमवार को नामकरण भी किया। उन्होंने गांव का नाम कंचनपुर रखा। इसे सुनकर वहां के श्रद्धालु खुशी से झूम उठे। प्रवचन कार्यक्रम में आयोजन में लगे लोगों ने गांव में जगह-जगह कच्चे मकानों की दीवारों पर गांव के नए नाम को लिख भी डाला।
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जनप्रतिनिधि भी रहे मौजूद
चंदौली। पैतुआं गांव में आयोजित गीता प्रवचन की जानकारी होते ही क्षेत्र के करीब दर्जन भर गांवों के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। इसमें जनप्रतिनिधियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्थिति यह थी कि जब प्रवचन शुरू हुआ, वहां भक्तों की संख्या काफी कम थी, लेकिन जैसे-जैसे प्रवचन का कार्यक्रम बढ़ता गया भक्तों की भीड़ तेजी से बढ़ी। आसपास के गांवों के ग्रामीण टोलियों में पैदल ही आयोजन स्थल की ओर जाते दिखे। देखते ही देखते पूरा का पूरा मैदान भक्तों की भीड़ से भर गया। भारी भीड़ होने के बाद भी वहां की व्यवस्था बेहतर रही। भक्त अनुशासित ढंग से कतारबद्ध होकर मास्टर बाबा का प्रवचन सुनते रहे और अंत में प्रसाद ग्रहण कर लौटे। इस अवसर पर अरविंद यादव, अनिल मिश्रा, दीनानाथ सिंह, अशोक त्रिपाठी, वीरेंद्र सिंह, हरि नारायण, चंद्रशेखर, नरेश, रामधनेश व संजय आदि उपस्थित रहे।