टांडाकला। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी पर मां गंगा के अवतरण दिवस ज्येष्ठ शुक्ल की दशमी तिथि गंगा दशहरा पर क्षेत्र स्थित बलुआ-टांडाघाट अलसुबह से ही स्नानार्थियों की आस्था का साक्षी बना। तीसरे पहर से ही श्रद्धालु स्नानार्थियों का रेला गंगातट पर उमड़ना शुरू हो गया था जो कि आकाश में सूर्य चढ़ने तक जारी रहा। गंगा अवतरण दिवस पर श्रद्धालुओं ने दानपुण्य कर सुरसरि की प्रार्थना की। इस दौरान स्नानार्थियों की भीड़ को देखते हुए मौके पर बलुआ थाने की पुलिस टीम मुस्तैदी से तैनात रही। सहयोग के लिए आसपास के गांवों के ग्रामीण भी भोर से ही गंगातट पर जुटे रहे।
गंगा दशहरा के पर्व पर महापातकों के बराबर 10 पापों का नाश करने वाली मां जाह्नवी में डुबकी लगाने के लिए बुधवार को तीसरे पहर से ही क्षेत्र के बलुआ-टांडाघाट पर श्रद्धालुओं के जुटने का क्रम शुरू हो गया था। भोर से ही गंगा तट पर जुटे हजारों श्रद्धालुओं ने मां गंगा के पवित्र जल में स्नान कर अपने पापों के नाश तथा मंगल की कामना की। इस दौरान श्रद्धालु स्नानार्थियों ने केला, नारियल, अनार, सुपारी, खरबूजा, आम, जलभरी सुराही तथा हाथ का पंखा दान किया। जनपद के विभिन्न हिस्सों से आए आस्थावान श्रद्धालुओं में महिला, पुरुष, बच्चे तथा वृद्धों के साथ साथ युवाओं ने भी पूरे उत्साह से गंगा में डुबकी लगाई। दशहरा पर्व को देखते हुए गंगातट पर मेले जैसा माहौल रहा। स्थानीय घाट पर अल सुबह से ही लगी आस्थावान स्नानार्थियों के रेले को देखते हुए बलुआ थाने की पुलिस आधी रात से ही गंगा तट पर मुस्तैदी के साथ तैनात रही। इसके अलावा आसपास के ग्रामीणों की टोलियां भी दूर दराज से गंगा स्नान करने आने वालों की सहायता में जुटी रहीं।