नियामताबाद। किसानों और पशुओं के उपयोग के लिए बौरी हसनपुर माइनर में छोड़ा गया पानी गड़ई नदी के पास तटबंध टूटने से खेतों में व्यर्थ बह रहा है। इससे टेल तक पानी न जाने से गांवों के पशुओं को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग द्वारा चार दिन से टूटे तटबंध को अब तक नहीं बांधे जाने से किसानों में आक्रोश व्याप्त है। सिंचाई विभाग द्वारा मार्च माह में नहरों की सफाई मशीनों से कराई गई थी। मई में लगातार अगलगी की बढ़ती घटनाओं के साथ साथ मवेशियों को पानी पिलाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा नारायणपुर पंप कैनाल को एक सप्ताह के लिए चलाया जा रहा है। लेकिन दुर्व्यवस्था का आलम यह है कि बौरी हसनपुर माइनर के किसानों व पशु पालकों में आज भी पानी की किल्लत बनी हुई है। बौरी हसनपुर माइनर के नियामताबाद ताल के समीप गड़ई नदी के पास विगत चार दिनों से तटबंध टूटा हुआ है। इससे पानी नालों में सहित आसपास के खेतों में गिर रहा है। पानी व्यर्थ गिरने से पचोखर स्थित हसनपुर के सीवान तक नहीं जा पा रहा है। फलस्वरूप पशुओं को पानी पीने के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण अब तक तटबंध बांधने का कोई प्रयास नहीं किया गया, जिससे क्षेत्रीय किसानों में रोष व्याप्त है। किसान अरुण सिंह, कमला सिंह, राजेन्द्र सिंह, श्रीनारायण सिंह, स्वतंत्र सिंह, राकेश त्रिपाठी आदि ने बताया कि सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता से कई बार तटबंध बांधे जाने का अग्रह किए जाने के बाद भी अब तक क्षतिग्रस्त तटबंध नहीं बांधा गया है।