मुगलसराय। भगवान भाष्कर के रौद्र रूप के चलते इस समय लोग अपने घरों में दुबकने के लिए विवश हो गए हैं। सुबह नौ बजते बजते ही गर्म हवा के थपेड़े मुंह को झुलसाना शुरू कर दिया है। मई का सबसे गर्म दिन बुधवार को जहां आग के शोले बरसे वहीं धूप के रौद्र रूप ने लोगों की आंखों के सामने दिन में ही अंधेरा कर दिया। हालात यह रहा कि चिलमन में मुंह छिपाने के बाद भी लोग धूप से निजात नहीं पा रहे थे। पछुआ हवा में तन को झुलसाने वाली गर्मी से लोग बेहाल नजर आए और छांव तलाशते रहे।
गौरतलब है कि मई की शुरूआत हल्की पुरवाई के बीच हुई थी। इससे उमस के बाद भी लोग तीखी धूप से राहत पा रहे थे, लेकिन मई माह की तीखी धूप हर दिन रौद्र रूप अख्तियार करती जा रही है। बुधवार को तो हद हो गई। सुबह आठ बजे के बाद ही पछुआ हवा की तल्खी ने एहसास करा दिया कि आज का दिन गर्म होगा और पूर्वाह्न दस बजते बजते तीखी धूप से बचने के लिए लोग उपाय ढूंढते नजर आने लगे। गर्म पछुआ हवा ने महिलाओं सहित पुरूषों को भी मुंह ढंकने पर बाध्य कर दिया। वैसे तो अप्रैल माह से ही पारा चढ़ना शुरू हो गया था, परंतु मई माह में पिछले दो तीन दिनों में पारा कुछ ज्यादा ही चढ़ गया है। दिन के नौ बजते ही नगर सहित जनपद के विभिन्न इलाकों में सन्नाटा पसर जा रहा है, जो भी बाजार में दिख रहा है तो गमछे, टोपी, दुपट्टे आदि से अपने अधिकतर अंग को ढके नजर आ रहा है। स्थानीय नगर के सर्कुलेटिंग एरिया, वीआईपी गेट व चकिया तिराहा प्राय: गुलजार रहने वाला यह स्थान आज पूरी तरह विरान नजर आ रहा था। इस उमस भरी गर्मी में रात में बिजली की अंधाधुंध कटौती से लोगों का चैन छीन जा रहा है।