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चंदौली। बुधवार को अपराह्न सवा तीन बजे देखते ही देखते ही देखते जोरदार बारिश शुरू हो गई। जिसे जहां ठांव मिला, वहीं दुबक लिया। लोगबाग घरों में चले गए। लगभग एक घंटे तक मेघ झूमकर बरसे। बरसात रुकने के बाद मुख्यालय का पूरा परिदृश्य ही बदल चुका था। नगर की सड़कें जलमग्न हो चुकी थीं, तो सरकारी कार्यालय तरणताल का रूप ले चुके थे। कितने ही घरों में पानी घुस चुका था। जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने से लोगों को फजीहत उठानी पड़ रही है। हालांकि अमर उजाला ने अपने छह जुलाई के अंक में ‘नहीं चेते तो लोगों को उठानी पड़ेगी दिक्कत’ नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित कर जिला प्रशासन को नींद से जगाने का कार्य किया था। लेकिन इसके बावजूद महकमा नहीं चेता और मुसीबत सामने आ ही गई।
इंद्रदेव की मेहरबानी मुख्यालय के बाशिंदों को भारी पड़ने लगी है। बुधवार को जिस तरह से पानी बरसा, उससे लोग चिंतित हो उठे। मात्र एक घंटे की जोरदार बारिश में ही पूरे मुख्यालय की सड़कें डूब गईं। सर्विस रोड सहित नगर के सभी पंद्रह वार्डों के मुख्य मार्ग पानी में डूब गए। प्रमुख सरकारी कार्यालयों के परिसरों में पानी भर गया। कई घरों के भीतर भी पानी घुस गया और लोग परेशान होकर अपने घरों से पानी निकालते नजर आए। इस मूसलाधार बरसात ने जल निकासी को लेकर नगर पंचायत की ओर से की गई तैयारियों की भी पोल खोल दी। वैसे मुख्यालय पर जल निकासी की व्यवस्था की बात करें तो यहां सीवरेज जल प्रणाली का कोई खाका ही तैयार नहीं है। सर्विस रोड के किनारे बनी नालियां और मुख्य नाला ही जल निकासी का प्रमुख साधन है। लेकिन जिला प्रशासन और नगर पंचायत ने समय से नाले और नालियों की सफाई नहीं कराई। मुख्यालय के बाशिंदों को इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है।
चंदौली। बुधवार को अपराह्न सवा तीन बजे देखते ही देखते ही देखते जोरदार बारिश शुरू हो गई। जिसे जहां ठांव मिला, वहीं दुबक लिया। लोगबाग घरों में चले गए। लगभग एक घंटे तक मेघ झूमकर बरसे। बरसात रुकने के बाद मुख्यालय का पूरा परिदृश्य ही बदल चुका था। नगर की सड़कें जलमग्न हो चुकी थीं, तो सरकारी कार्यालय तरणताल का रूप ले चुके थे। कितने ही घरों में पानी घुस चुका था। जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने से लोगों को फजीहत उठानी पड़ रही है। हालांकि अमर उजाला ने अपने छह जुलाई के अंक में ‘नहीं चेते तो लोगों को उठानी पड़ेगी दिक्कत’ नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित कर जिला प्रशासन को नींद से जगाने का कार्य किया था। लेकिन इसके बावजूद महकमा नहीं चेता और मुसीबत सामने आ ही गई।
इंद्रदेव की मेहरबानी मुख्यालय के बाशिंदों को भारी पड़ने लगी है। बुधवार को जिस तरह से पानी बरसा, उससे लोग चिंतित हो उठे। मात्र एक घंटे की जोरदार बारिश में ही पूरे मुख्यालय की सड़कें डूब गईं। सर्विस रोड सहित नगर के सभी पंद्रह वार्डों के मुख्य मार्ग पानी में डूब गए। प्रमुख सरकारी कार्यालयों के परिसरों में पानी भर गया। कई घरों के भीतर भी पानी घुस गया और लोग परेशान होकर अपने घरों से पानी निकालते नजर आए। इस मूसलाधार बरसात ने जल निकासी को लेकर नगर पंचायत की ओर से की गई तैयारियों की भी पोल खोल दी। वैसे मुख्यालय पर जल निकासी की व्यवस्था की बात करें तो यहां सीवरेज जल प्रणाली का कोई खाका ही तैयार नहीं है। सर्विस रोड के किनारे बनी नालियां और मुख्य नाला ही जल निकासी का प्रमुख साधन है। लेकिन जिला प्रशासन और नगर पंचायत ने समय से नाले और नालियों की सफाई नहीं कराई। मुख्यालय के बाशिंदों को इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है।