पूर्व मध्य रेलवे के पं. दीनदयाल उपाध्याय मंडल ट्रेनों को समय से चलाने में रिकार्ड हासिल किया है। मंडल में यात्री ट्रेनें 94 फीसदी समय से चली है। इसके लिए डीआरएम ने लगातार उठाए जा रहे सकारात्मक रूप से सुधारात्मक कदम और रेलकर्मियों की लगन मेहनत का फल बताया है।
रेलवे लगातार सुरक्षा के साथ ट्रेनों की गति बढ़ाने में जुटा हुआ है। मालगाड़ियों के लिए अलग डीएफसीसी लाइन बनाने के साथ ही मेन लाइन में सिग्निलिंग प्रणाली को लगातार बदला जा रहा है। नए इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग स्थापित किए जाने से ट्रेनों को एक पटरी से दूसरे पटरी पर ले जाने में आसानी हुई है। यही नहीं पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से हावड़ा रूट पर धनबाद तक ट्रेनों की गति 160 किमी तक बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसका असर ट्रेनों में समय पालन पर दिखा है। गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण के दौरान मंडल रेल प्रंबंधक राजेश कुमार पांडेय ने घोषित किया कि अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक यात्री गाड़ियों का समय पालन औसतन 90.94 प्रतिशत रहा। ट्रेनों के समय से चलने से यात्रियों को आवागन में आसानी हुई है। जंक्शन से प्रतिदिन औसतन 110 यात्री ट्रेनें गुजरती है। इस तरह अब तक ट्रेनों की लेट लतीफी के लिए बदनाम रही रेलवे समय सुधार की दिशा में रिकार्ड बना रही है। डीआरएम ने बताया कि एक जनवरी से दिसंबर 2022 तक पिछले वर्ष की तुलना में वैगन अनलोडिंग में 32.08 प्रतिशत की वृद्धि हुई। दिसंबर 2022 तक मंडल ने 17,680 वैगनों के साथ 321.9 ट्रेनों का प्रतिदिन की दर से आदान-प्रदान दर्ज किया है जो अब तक का सर्वाधिक है। इस संबध में मंडल जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि ट्रेनों के समय सुधार पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसका असर दिख भी रहा है।
कोहरे के आगे अभी भी बेबस है रेलवे
कोहरे के आगे रेलवे बेबस नजर आ रहा है। यही कारण है कि कोहरे को देखते हुए तीन दर्जन ट्रेनों को निरस्त किए जाने के बाद भी ट्रेनों की टाइमिंग नहीं सुधरी है। रविवार को भी अप और डाउन की ट्रेनें निर्धारित समय से घंटों देरी से आई।
रविवार को डाउन उपासना एक्सप्रेस पौने तीन घंटे, ब्रह्मपुत्र मेल आधा घंटा, दून एक्सप्रेस एक घंटे, विभूति एक घंटे, बिकानेर हावड़ा एक्सप्रेस सवा दो घंटे, बारमेर हावड़ा डेढ़ घंटे की देरी से चली। इसी तरह पंजाब मेल पौने चार घंटे, सीमांचल एक घंटे, महानंदा सवा घंटे, गंगा सतलज एक्सप्रेस एक घंटे, नीलांचल पौन घंटे, महाबोधि एक घंटे की देरी से आई। वहीं अप पटना पीडीडीयू मेमू पौने चार घंटे, शिप्रा एक्सप्रेस पौन घंटे और पाटलिपुत्र एक्सप्रेस सवा पांच घंटे की देरी से चली।