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बुलंदशहर : बेटी की गवाही पर पिता को उम्रकैद, अदालत ने कहा- दोषी ने की परिवार के विश्वास की हत्या

अमर उजाला नेटवर्क, बुलंदशहर Published by: शाहरुख खान Updated Wed, 20 Oct 2021 05:59 AM IST
सार

अदालत की टिप्पणी : बच्ची के सामने किया गया अपराध जघन्य श्रेणी का है, मनोज ने परिवार के विश्वास की हत्या की है। 

Bulandshahr: Life imprisonment to father on daughter's testimony
demo pic... - फोटो : Social Media

विस्तार

फावड़े से ताबड़तोड़ प्रहार कर पत्नी की हत्या करने वाले पति को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने कहा कि अभियुक्त मनोज कुमार ने अपनी 13 साल की बेटी के सामने जिस तरह से पत्नी की हत्या की, वह दर्शाता है कि उसने परिवार के विश्वास की हत्या की है। मां के सबसे करीब बच्ची ही होती है। उसी के सामने हत्या की वारदात को अंजाम देना जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। 



सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी चंद्रभान सिंह ने बताया कि स्याना कोतवाली क्षेत्र के गांव हरवानपुर में 13 अक्तूबर 2016 को ममता की उसके पति मनोज कुमार ने फावड़े से ताबड़तोड़ प्रहार कर हत्या कर दी थी। एडीजे 12 विनीता विमल के न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई। 


पिता के खिलाफ बेटी प्राची की गवाही सबसे अहम रही। अदालत ने दोनों पक्षों के गवाहों के बयानों और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपी पति मनोज को दोषी करार दिया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड जमा न करने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा मनोज को भुगतनी पड़ेगी। 

ममता के पिता महेंद्र सिंह उर्फ मामचंद्र ने 14 अक्तूबर को थाना स्याना पर तहरीर देकर बताया था कि बेटी ममता की शादी करीब 16 वर्ष पूर्व स्याना के गांव हरवानपुर निवासी मनोज के साथ की थी। शादी के बाद से ही आरोपी ससुरालीजन उसका उत्पीड़न कर रहे थे। शादी के तीन वर्ष बाद उसने एक पुत्री को भी जन्म दिया था। शादी के दस साल बाद आरोपी पति ने ममता को जलाकर मारने की भी कोशिश की थी। 

इससे ममता के चेहरे व गर्दन आदि पर निशान पड़ गए थे। पुलिस में मामला ले जाने पर समझौता कर लिया था। इसके बाद कुछ दिन तक मनोज ठीक रहा। 13 अक्तूबर 2016 को ममता की हत्या कर दी। उन्होंने आरोपी पति मनोज समेत अन्य ससुरालीजनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। 


बेटी ने कहा, मेरे सामने ही हुई हत्या 
हत्या की एकमात्र चश्मदीद बेटी प्राची थी। उस वक्त उसकी उम्र 13 वर्ष की थी। बेटी प्राची की गवाही पर ही अन्य आरोपियों को पुलिस ने क्लीनचिट दे दी थी। उसने बताया था कि उसके पिता ने उसके सामने ही मां की हत्या की। अन्य परिजनों का उसमें कोई हाथ नहीं था। इसके बाद पुलिस ने केवल मनोज के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। अदालत में भी प्राची की गवाही ही अहम साबित हुई।

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