खुर्जा। दस माह पहले पहासू कस्बा निवासी एक महिला की उसके पति ने हत्या कर शव फांसी के फंदे पर लटका दिया था। ससुराल वालों ने महिला के खुदकुशी करने की सूचना पुलिस को दी थी। इस मामले में बुधवार को एडीजे मो. जहीरुद्दीन ने आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह राघव ने बताया कि पहासू कस्बा निवासी गौरव की पत्नी मुनमुन का 8 जुलाई 2011 को शव फांसी के फंदे पर लटका मिला था। गौरव के पिता हीरालाल ने पुलिस को मुनमुन के खुदकुशी करने की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मुनमुन का शव पोस्टमार्टम को भेजा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुनमुन की गला दबने से मौत होने की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने मुकदमे को हत्या की धारा में तरमीम कर दिया और जांच कर चार्ज शीट कोर्ट में पेश की थी। एडीजे मोहम्मद जहीरुद्दीन ने उक्त मुकदमे की सुनवाई की।
अदालत में नौ गवाहों को बयानों के लिए पेश किया। मुनमुन का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. शिवनाथ सिंह ने कोर्ट में बयान दिया कि उसकी मौत गला दबाने से हुई और इसके बाद शव फांसी पर लटकाया। अदालत ने दोनों पक्ष सुनने के बाद गौरव को मुनमुन की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।