स्टूडेंट फ्रेंडली बनाने के लिए विभाग की कवायद, हर स्कूल को मिलेंगे पांच-पांच हजार
सिकंदराबाद। ई-लर्निंग और ई-क्लासेज भले ही प्राइमरी स्कूलों के लिए अभी दूर की कौड़ी हो लेकिन शासन ने इसके लिए बीच का रास्ता निकाल लिया है। अगले सत्र से परिषदीय स्कूलों में भी विजुअल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए प्ले बोर्ड्स का इस्तेमाल किया जाएगा। अंग्रेजी-हिंदी की वर्णमाला के साथ ही नदियों, पहाड़ों के नाम, सब्जी-फलों की जानकारी इसी के जरिए दी जाएगी। इसके लिए प्राथमिक स्कूलों को पांच-पांच हजार रुपये अलग से दिए जाएंगे।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत आगामी सत्र में इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए दो फेज बनाए गए हैं। पहले फेज में कक्षा एक से कक्षा तीन तक के बच्चों को प्ले बोर्ड से पढ़ने का मौका मिलेगा। बाद में कक्षा चार और कक्षा पांच के विद्यार्थियों को स्पेशल प्ले बोर्ड से पाठ पढ़ाए जाएंगे। क्लासवाइज सेलेबस के आधार पर प्ले बोर्ड तैयार कराए जाएंगे। इन प्ले बोर्ड्स पर पशु और पक्षियों के चित्र सहित फल, सब्जी दिन और महीनों के नाम होंगे। इसके अलावा हिंदी और अंग्रेजी की वर्णमाला, नदी, नहर और प्रसिद्ध स्थल भी इन पर सचित्र दर्शाए जाएंगे। शासन की ओर से केवल प्राथमिक विद्यालयों को पांच पांच हजार की रकम दी जाएगी।
विश्व स्तर पर हुए शोधों से साबित हुआ है कि दृश्य माध्यम बच्चों पर अधिक प्रभावशाली असर डालता है। यही कारण है कि वक्त के साथ-साथ स्कूल विजुअल माध्यमों का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। प्राथमिक स्कूलों में आधुनिक तकनीक पहुंचाना आसान नहीं है। यही कारण है फिलहाल प्ले बोर्ड्स के इस्तेमाल का निर्णय लिया गया है। यह ब्लैक बोर्ड के मुकाबले बच्चों के लिए अधिक रुचिकर और प्रभावशाली साबित होगा।
- समय सिंह नागर, सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी